
कोरोना महामारी ने तीन वर्ष के बाद एशिया में एक बार फिर तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। दिल्ली में भी कोविड-19 के संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहाँ कोरोना के 23 सक्रिय मामले मिले हैं।
कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने शनिवार (24 मई 2025) को संक्रमण की स्थिति के बारे में समीक्षा की। मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी तक सामने आए कोरोना संक्रमितों की जाँच रिपोर्ट निजी टेस्टिंग लैब से आई है।
दिल्ली में स्वास्थ्य संस्थानों और अस्पतालों में आने वाले संक्रमितों में कोरोना के वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। इसके लिए संक्रमितों के नमूने लोकनायक अस्पताल में भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर भी कोरोना से जुड़ी सभी जानकारियों की दैनिक रिपोर्टिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।
अस्पतालों में जारी किया गया अलर्ट
दिल्ली सरकार की ओर से सभी सरकारी और निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड-19 को लेकर सतर्क रहने के साथ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन, कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, दवाइयाँ, बाय-पैप, समेत अन्य जरूरी चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की बात शामिल की गई है।
अस्पताल परिसर में मास्क पहनने और अन्य कोरोना के बचाव संबंधी अन्य कदम लागू करने के निर्देश भी शामिल किए गए हैं। बढ़ते मामलों के साथ कोविड ड्यूटी के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देने की एडवाइजरी जारी की गई है।
आईसीएमआर के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही कोरोना संदिग्ध संक्रमितों की जाँच किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके तहत इंफ्लुएंजा लाइक इंफेक्शन (ILI) के 5% और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) के 100% मामलों की जाँच अनिवार्य कर दी गई है। इन मामलों की दैनिक रिपोर्टिंग इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IHIP) पोर्टल पर दिए जाने की बात भी कही गई है।
कहाँ कितने मामले
दिल्ली के साथ साथ भारत के अन्य राज्यों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्य शामिल हैं। केरल में अब तक कोविड के 182 मामले सामने आ चुके हैं। 21 मई तक कर्नाटक में 16 सक्रिय मामले थे। बेंगलुरू में 9 महीने के बच्चे में भी संक्रमण मिला है। 22 मई तक गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले सामने आए। हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में तीन मामले मिले हैं।
वेरिएंट की जानकारी नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को दिसंबर 2023 में ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट JN.1 और इसके भी उप-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि JN.1 वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है, लेकिन खतरनाक नहीं है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश और शरीर में दर्द और कुछ में डायरिया जैसी परेशानी देखी जा रही है।