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दिल्ली ब्लास्ट पर जश्न मनाने वाले आतंक के समर्थकों पर कार्रवाई जरूरी, असम की हिमंता सरकार ने कायम की मिसाल

दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हो गई। इस ब्लास्ट का कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जम्मू-कश्मीर के कई प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े हैं। इस ब्लास्ट ने जहाँ पूरे देश को झकझोर दिया। वहीं सोशल मीडिया पर इस घटना का जश्न मनाने वाले कुछ लोग हमें यह याद दिला गए कि आतंकवाद सिर्फ बम-गोला नहीं बल्कि विचारधारा से भी पनपता है।

राजधानी में हुई इतने बड़े धमाके के बाद जब पूरा देश शोक में था तब कुछ इस्लामी कट्टरपंथी खुशियों में व्यस्त थे। ऐसे लोगों की पहचान कर असम की बीजेपी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी ऐसे लोगों को साफ संदेश दिया है।

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का बयान

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था, “दिल्ली बम विस्फोट की घटना निंदनीय है। वहीं कुछ लोगों ने फेसबुक पर इस तरह की घटना पर बधाई दी या खुशी वाले इमोजी पोस्ट किए। इस तरह की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वे लोग वास्तव में आतंकवाद का समर्थन करते हैं। हम कल (10 नवंबर 2025) रात से इन लोगों की पृष्ठभूमि की जाँच कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर हम इनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार भी करेंगे।”

दिल्ली बम विस्फोट की खबर जब Social Media पर आई, तो एक विशेष समुदाय के कुछ लोग इस पर मज़ाक़ बनाने लगे और "ha ha" इमोजी डालने लगे। ये लोग आतंकी समर्थक हैं, और हमारी पुलिस इन्हें हर हाल में पकड़ने में जुटी है। pic.twitter.com/DSMn7kmbb9— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 11, 2025

सीएम ने आगे कहा, “असम में हम आतंकवाद को बढ़ावा देने और किसी भी तरह का समर्थन करने की अनुमति नहीं देंगे। हम इसके लिए बहुत सख्त हैं। कल से हमने देखा है कि घटना की खबर मिलने के बाद कुछ लोग बहुत खुश हैं। कोई इस खबर से खुश है, तो कोई किसी की मौत से खुश। मुझे लगता है कि वे लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं। मैंने DGP से उन लोगों की पृष्ठभूमि की जाँच करने को कहा है, अगर वे असम के नागरिक हैं तो हमें उन्हें गिरफ्तार करेंगे।”

दिल्ली ब्लास्ट पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों की गिरफ्तारी

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने जो कहा वो किया। सोशल मीडिया पर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। सीएम हिमंता ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी लिखा कि असम पुलिस की यह कार्रवाई जारी रहेगी।

In connection with the recent Delhi blast, Assam Police has arrested the following individuals for spreading offensive and inflammatory content online:1.Mattiur Rahman (Darrang)2. Hassan Ali Mondal (Goalpara)3.Abdul Latif (Chirang)4.Wajhul Kamal (Kamrup)5. Nur Amin Ahmed…— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 12, 2025

सीएम हिमंता ने बताया कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले राज्यभर से 5 लोगों में दारांग के मत्तीउर रहमान, गोलपाड़ा के हसन अली मंडल, चिरांग के अब्दुल लतीफ, कामरूप के वजहुल कमाल और बोंगाईगांव के नूर अमीन अहमद को गिरफ्तार किया गया है। सीएम हिमंता ने चेतावनी भी देते हुए कहा, “असम पुलिस नफरत फैलाने या आतंक का महिमामंडन करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी से और दृढ़ता से कार्रवाई करना जारी रखेगी।”

दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल

फिर बात करें दिल्ली ब्लास्ट के तारों की और फरीदाबाद में सामने आए आतंकी मॉड्यूल की तो इस ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार, विस्फोट और संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ी जाँच में यह साफ हुआ है कि यह एक बड़ा नेटवर्क था। जाँच एजेंसियों को फरीदाबाद, सहारनपुर, लखनऊ समेत कुछ जिलों से 2900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई, जो सीधे दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ रही है।

इसके अलावा जिस i20 कार से ब्लास्ट हुआ, उसमें बैठा डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी के तार भी आतंकी मॉड्यूल से जुड़े। उसके दोस्त सज्जाद अहमद और परिवार वालों से पूछताछ की गई तो सामने आया कि वह संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल था। जाँच एजेंसियों को यह भी शक है कि फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी मुजम्मिल की गर्लफ्रेंड डॉ. शाहीना का भी दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा रोल हो सकता है। डॉ. शाहीना पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला ट्रेनर थी, उसके पास से एके-47 और हथियार बरामद हुए।

ये सारी जानकारी इस बात का सबूत है कि दिल्ली ब्लास्ट कोई आम नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश हो सकती है, जो एक बड़े आतंकी नेटवर्क ने अंजाम दी है। जाँच एजेंसियाँ इस आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर चुकी हैं, उनकी कार्रवाई आगे भी जारी है।

असम में गिरफ्तारी आतंकी विचारधारा पर लगाम

ऐसे में असम सरकार की कार्रवाई का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि आतंक केवल उतना नहीं है जब बम धमाके होते हैं। आतंकवाद की विचारधारा को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर डाली गई गलीज टिप्पणियों, इमोजी में खुशी मनाने, पोस्टों में देश में हुए निंदनीय ब्लास्ट पर समर्थन दिए जाने से ही पनपने का मौका मिलता है।

जब सरकार उन तक पहुँचती है और ऐसे लोगों को कानून के दायरे में लाती है तो यह एक स्पष्ट संदेश देती हैं कि आतंक का समर्थन करना अपराध है, सिर्फ आतंक करना नहीं बल्कि उसे बढ़ावा देना, महिमामंडन करना, चुप्पी सहना भी वैध नहीं है। यह एक तरह से उदाहरण सेट करता है कि आतंक की विचारधारा रखने वालों पर भी कार्रवाई होगी।

ऐसे मामलों में तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई से यह भी साबित होता है कि कानून सिर्फ बड़े हमलावरों के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो इन धमाकों की खुशी मनाकर ‘दूसरी पंक्ति’ बनते हैं।

हिमंता बिस्वा सरमा का ब्लास्ट पर खुशी मनाने वालों को कड़ा संदेश

और आखिर में हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर लौटते हैं। उन्होंने घोषणा की कि असम पुलिस इन सोशल मीडिया पोस्ट करने वालों की पृष्ठभूमि की जाँच कर रही है और जरूरत पड़े तो गिरफ्तार करेगी। यह बयान सिर्फ कड़ी भाषा नहीं, कार्रवाई होने तक का ‘डर’ है। जब एक प्रदेश का मुख्यमंत्री इस तरह स्पष्ट शब्दों में कहता है, “अगर ये लोग असम के नागरिक हैं तो उन्हें नहीं बख्शा जाएगा।” तो यह एक तरह से सरकार की नीति को दर्शाता है कि कैसे आतंक की विचारधारा को पनपने से पहले दबा दिया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर खुशियाँ मनाने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों जैसे लोगों को डर होना चाहिए कि उनकी हर ऑनलाइन पर नजर रखी जा रही है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन जब वो आजादी आतंकी विचारधारा में बदल जाए तो कार्रवाई जरूरी हो जाती है। हिमंता बिस्वा सरमा का यह रवैया न सिर्फ गंभीर है बल्कि समय की माँग भी है।

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