इंदौर। देशभर में दशहरे पर जहाँ परंपरागत रूप से रावण दहन की तैयारी चल रही है, वहीं इंदौर में इस बार का आयोजन काफी अलग और विवादित होने जा रहा है। आयोजकों ने घोषणा की है कि इस बार दशहरे पर ‘रावण पुतला दहन’ की बजाय ‘शूर्पणखा पुतला दहन’ किया जाएगा।
आयोजकों का तर्क
कार्यक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि पौराणिक कथा के अनुसार शूर्पणखा के कारण ही राम-रावण युद्ध की शुरुआत हुई थी। उनका मानना है कि आज के समाज में भी कई ऐसी घटनाएँ सामने आती हैं, जिनमें महिलाओं पर पति की हत्या, विवाहेतर संबंधों, या धोखा देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। आयोजकों का दावा है कि इन घटनाओं ने कई परिवारों को तोड़कर रख दिया।
इसी प्रतीक के रूप में, इस बार रावण के स्थान पर शूर्पणखा का पुतला जलाया जाएगा।
पुतले में लगाए जाएंगे “चेहरे”
सूत्रों के अनुसार, शूर्पणखा के इस पुतले में उन महिलाओं के कटआउट या फोटो लगाए जाएंगे, जो हाल के वर्षों में पति हत्या या धोखे जैसे मामलों में देशभर में सुर्खियाँ बटोर चुकी हैं। आयोजकों का कहना है कि यह कदम समाज को चेताने और परिवार बचाने की पहल है।
जुलूस और सम्मान समारोह
दशहरे से पहले शहर में इन पुतलों का ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य जुलूस निकाला जाएगा। इतना ही नहीं, आयोजकों ने यह भी ऐलान किया है कि वे ऐसे मामलों से प्रभावित और पीड़ित परिवारों को कार्यक्रम में आमंत्रित कर उन्हें “सम्मान” देंगे।
उठने लगे सवाल
हालाँकि यह पहल विवादों से घिर गई है।
समर्थक इसे सामाजिक संदेश बताते हुए कह रहे हैं कि इससे परिवार तोड़ने वाली प्रवृत्तियों के खिलाफ जागरूकता फैलेगी।
दूसरी ओर, कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी भी महिला को अपराधी ठहराना या सार्वजनिक रूप से उसका अपमान करना महिलाओं की गरिमा और न्याय की प्रक्रिया का मज़ाक उड़ाने जैसा है।
प्रशासन की नज़र
फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि आयोजन के विवादित स्वरूप को देखते हुए पुलिस और प्रशासन इस पर कड़ी निगरानी रखेंगे।









