
गोंडा । साइबर ठगों ने रेशम विभाग के अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 72 लाख रुपए ठग लिए। आरोपियों ने फोन कर अधिकारी को धमकाया। इसके बाद एक कथित IPS अधिकारी से बात करवाई। फर्जी अधिकारी ने कहा कि आपका नाम 68 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में आ चुका है। अगर बचना है तो रुपए जमा कर दो।
अधिकारी ने डर से अपनी जमीन बेच दी और दोस्तों से उधार भी लिया। ठगों के अकाउंट में 78.80 लाख रुपए जमा करा दिए। रेशम विभाग के उपनिदेशक रामानन्द मल्ल ने बताया कि मैंने दिल्ली से एक सिमकार्ड खरीदा था। आरोपियों ने कहा कि उस सिमकार्ड का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। इसके बाद 17 दिनों तक ठग मानसिक रूप से प्रताड़ित कर मुझसे पैसे ऐंठते रहे।
अब जानिए पूरा घटनाक्रम
रामानंद मल्ल ने बताया कि 15 जनवरी की शाम करीब 6 बजे 186635588456 नंबर से मेरे मोबाइल पर कॉल आया। कॉलर ने खुद को नोटिफिकेशन यूनिट ट्राई का अधिकारी बताया। कहा कि मेरे आधार कार्ड से एयरटेल का एक सिम (नंबर 8800055172) दिल्ली से लिया गया है, जिससे अवैध गतिविधियां की जा रही हैं।
इसके बाद मेरी कॉल नई दिल्ली द्वारिकापुरी पुलिस स्टेशन के कथित आईपीएस अधिकारी से कनेक्ट कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि HDFC बैंक में एक खाता खोला गया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग के 68 करोड़ रुपए ट्रांजैक्शन हुए हैं। आप ने 5 लाख रुपए में बैंक खाता बेचा है।
अधिकारी ने जमीन बेचकर जमा कराए रुपए रेशम विभाग के अधिकारी के मुताबिक, खुद को आईपीएस राकेश कुमार बताने वाला शख्स लगातार कॉल कर मेरे ऊपर दबाव बनाता रहा। 15 जनवरी से 2 फरवरी तक मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। आरोपी ने कहा- अगर मुझे जमानत लेनी है तो 9.80 लाख रुपए दिए गए अकाउंट में जमा कर दूं।
जांच के नाम पर 78.80 लाख वसूले मुझसे जांच के नाम डराकर 78.80 लाख रुपए जमा करवाए गए। मैंने अपनी जमीन बेचकर, बैंक से लोन लेकर और दोस्तों से उधार लेकर रुपए जमा करवाए। ठगों ने मुझसे कहा कि सत्यापन के बाद मेरा पैसा मुझे वापस मिल जाएगा।
8 खातों में ट्रांसफर करवाई राशि
- मो. तसलीम आरिफ
- नीपाम ओजीत सिंह
- बंटी भोसले डेयरी फार्म
- कौशल
- कबीर हुसैन
- मो. हसन
- अलीम बिल्डिंग मैटेरियल
- नदीम अहमद
साइबर ठगों को तलाश रही पुलिस
अधिकारी ने एसपी विनीत जायसवाल से शिकायत की। इसके बाद साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज करवाया। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में कुछ बैंक अकाउंट और नाम सामने आए हैं, जिन पर कार्रवाई की जाएगी।