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‘एम्पुरान’ से हटेंगे वे सीन जिनमें हिंदुओं किया गया बदनाम, मोहनलाल ने माँगी माफी: गोधरा दंगों पर बनी फिल्म में ‘हिंदू बेरहम-मुस्लिम पीड़ित’ का प्रोपेगेंडा किया प्रमोट

मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल की फिल्म ‘L2: एम्पुरान’ रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरी है। फिल्म में 2002 के गोधरा दंगों को जिस तरह दिखाया गया और हिंदुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया, उससे हिंदू समुदाय भड़क गया। कई लोगों का कहना है कि फिल्म में हिंदुओं को गलत और बेरहम दिखाया गया, जिससे उन्हें दुख पहुँचा है।

इस बवाल के बाद मोहनलाल ने रविवार (30 मार्च 2025) को फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट लिखी और अपने फैन्स से माफी माँगी। उन्होंने कहा कि फिल्म में कुछ सीन और बातें ऐसी थीं, जिनसे उनके चाहने वालों को ठेस पहुँची, और वो इसके लिए शर्मिंदा हैं। मोहनलाल ने वादा किया कि फिल्म से वो सारी चीजें हटा दी जाएँगी, जो लोगों को परेशान कर रही हैं।

‘एम्पुरान’ फिल्म ‘लूसिफर’ का सेकंड पार्ट है, जिसे एक्टर-डायरेक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन ने बनाया है। फिल्म में पृथ्वीराज का किरदार जायद मसूद है, जिसकी कहानी शुरू होती है गोधरा दंगों से। फिल्म में दिखाया गया कि कैसे हिंदू कट्टरपंथियों ने एक मुस्लिम परिवार को बेरहमी से मार डाला। इसके अलावा, उस वक्त गुजरात में सत्ताधारी बीजेपी और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया गया। ये सीन देखकर हिंदू संगठनों में गुस्सा भड़क गया। लोगों ने सोशल मीडिया पर मोहनलाल और पृथ्वीराज को खूब खरी-खोटी सुनाई। कुछ ने इसे ‘लव जिहाद’ की कहानी को बढ़ावा देने वाला बताया, तो कुछ ने कहा कि ये हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश है।

मोहनलाल ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मुझे पता चला कि ‘एम्पुरान’ में कुछ राजनीतिक और सामाजिक बातों ने मेरे चाहने वालों को बहुत दुख पहुँचाया। एक कलाकार के तौर पर मेरा फर्ज है कि मेरी कोई फिल्म किसी राजनीतिक आंदोलन, विचारधारा या धर्म के खिलाफ नफरत न फैलाए। इसलिए मैं और एम्पुरान की टीम अपने प्रियजनों को हुई तकलीफ के लिए दिल से माफी माँगते हैं। हमने फैसला किया है कि फिल्म से वो सारी चीजें हटा देंगे।” उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 40 सालों से उनके फैन्स ही उनकी ताकत हैं और उनके बिना मोहनलाल कुछ भी नहीं।

विवाद इतना बढ़ गया कि फिल्म के प्रोडक्शन हाउस ने ऐलान किया कि ‘एम्पुरान’ से 17 सीन हटाए जाएँगे। इनमें दंगों के सीन और महिलाओं के खिलाफ हिंसा दिखाने वाले हिस्से शामिल हैं। दूसरी तरफ, बीजेपी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्टेट जनरल सेक्रेटरी के. गणेश ने पृथ्वीराज पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज के ‘विदेशी कनेक्शन’ की जाँच होनी चाहिए।

गणेश ने दावा किया कि उनकी पिछली फिल्में जैसे ‘कुरुथी’ और ‘जन गण मन’ भी ‘देश विरोधी’ थीं। उन्होंने पृथ्वीराज के जॉर्डन में फिल्म ‘आडुजीवितम’ की शूटिंग के दौरान उनके संपर्कों पर भी सवाल उठाए।

गोधरा दंगे 27 फरवरी 2002 को शुरू हुए थे, जब अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों को साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में जिंदा जला दिया गया था। ये हमला मुस्लिमों की भीड़ ने किया था। इसके बाद गुजरात में भयानक दंगे भड़क उठे। लेकिन ‘एम्पुरान’ में सिर्फ हिंदुओं को दोषी दिखाने की कोशिश ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया। सच ये है कि गोधरा की घटना को लेकर सालों से राजनीति होती रही है, पर उस ट्रेन में जलाए गए कारसेवकों की बात कम ही होती है। इस फिल्म ने उस पुराने दर्द को फिर से कुरेद दिया।

मूल रूप से ये रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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