
क्राइम रिपोर्टर/अशोक सागर
गोंडा । बेसिक शिक्षा विभाग में एक बार फिर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. रमाबाई नगर जिले के छतरसा गांव निवासी पिंकी वर्मा को फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है. पिंकी 12 सितंबर 2018 से गोंडा जिले के प्राथमिक विद्यालय बैकुंठपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थी ।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
जांच के दौरान पता चला कि पिंकी वर्मा ने नियुक्ति के समय वर्ष 2013 का टीईटी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें 150 में से 95 अंक दर्शाए गए थे. जब प्रमाणपत्र की जांच कराई गई, तो वह फर्जी पाया गया. इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी ने कई बार स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन पिंकी वर्मा की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
फर्जी टीचर के खिलाफ FIR दर्ज
बीएसए के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारी झंझरी समय प्रकाश त्रिपाठी ने नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पिंकी वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच उपनिरीक्षक धीरेंद्र सिंह कर रहे हैं।
बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि पिंकी वर्मा 2021 से लगातार गैरहाजिर चल रही थी. जांच में फर्जी प्रमाणपत्र से नियुक्ति का मामला सामने आया. अब विभाग 2018 से अब तक मिले वेतन की वसूली करेगा और आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.बेसिक शिक्षा विभाग इस तरह के मामलों पर सख्त नजर रखे हुए है और फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।