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जिस साकिब नाचन के ठिकानों से मिले थे 44 ड्रोन, उसके घर पर ATS ने मारा छापा: ठाणे के गाँव को बना दिया था ‘अल शाम’, ISIS का सरगना बन दिलाई थी ‘बैयत’ की कसम

महाराष्ट्र के आतंकवादी निरोधी दस्ते (ATS) ने ठाणे के पडघा गाँव में छापेमारी की है। यह छापेमारी आतंकी साकिब नाचन के ठिकानों पर हुई है। ATS की यह छापेमारी आतंक से जुड़े एक मामले में हुई है। साकिब नाचन के कई ठिकानों की पुलिस और ATS तलाशी ले रही है।

#WATCH | Maharashtra ATS is conducting raids in Padgha, Thane, in connection with a terrorism-related case. One of the locations includes the residence of Saqib Nachan, a former member of the banned outfit Student Islamic Movement of India (SIMI), who was earlier convicted in 2… https://t.co/F6H75vV2LI pic.twitter.com/EKMQPHQymr— ANI (@ANI) June 2, 2025

ATS और महाराष्ट्र पुलिस की यह कार्रवाई सोमवार (2 जून, 2025) को की गई है। नाचन के घर समेत कई ठिकानों पर जाँच की गई है। आतंक से जुड़े कुछ और लोगों पर ATS यह तलाशी ले रही है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें कुछ सूचनाएँ मिली थीं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

साकिब नाचन के ऊपर पहले छापेमारी में ड्रोन मिले थे। सुरक्षा एजेंसियों को 44 ड्रोन मिले थे। यह नई छापेमारी भी ऐसे समय में सामने आई है, जब रूस के भीतर यूक्रेन ने ऐसे ही ड्रोन से हमला किया है।

कौन है साकिब नाचन ?

गौरतलब है कि जिस साकिब नाचन के ऊपर यह कार्रवाई चल रही है, उस पर NIA के छापे भी 2023 में पड़ चुके हैं। उसे इस दौरान गिरफ्तार भी किया गया था। 63 वर्षीय साकिब मूल रूप से मुंबई के ठाणे जिले के बोरीवली का रहने वाला है। नाचन 3 बच्चों का अब्बा है, जिसमें 2 बेटे और एक बेटी शामिल हैं।

साकिब प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI (सिमी) का सचिव भी रह चुका है। साकिब का कनेक्शन भगोड़े आतंकी जाकिर नाइक से भी है। वह युवाओं को जिहाद के लिए उकसाता था और खलीफा का राज लाने के लिए ‘बैयत’ (कसम) दिलाता था।

उस पर आतंकवाद से जुड़े दर्जनों केस दर्ज हैं, जिसमें से 2 में उसे अदालत से भी सजा मिल चुकी है। साकिब को साल 1997 में भारत में आतंकी वारदातों की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था। तब साकिब का खालिस्तानी आतंकियों से भी कनेक्शन सामने आया था।

साकिब को मुंबई में साल 2002-03 के दौरान हुए 3 बम धमाकों में पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आरोपित बनाया था। एक दर्जन लोगों की जान लेने वाले ये धमाके मुंबई सेंट्रल, विलेपार्ले और मूलुंड में हुए थे। धमाकों में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे।

इस मामले में भी साल 2016 में साकिब को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई। पहली और दूसरी सजाएँ एक साथ चलने की वजह से साकिब 2017 में जेल से रिहा हो गया। साकिब बम बनाने में माहिर माना जाता है। वह अन्य युवाओं को न सिर्फ बम बनाने बल्कि उसका परीक्षण और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ब्लास्ट करने की भी ट्रेनिंग देता है। 

शामिल और उसका अब्बा साकिब ने अपने मुंबई बोरीवली स्थित घर को आतंकवाद की ट्रेनिंग के लिए एक सेंटर पॉइंट के तौर पर प्रयोग किया था। शामिल नाचन जुल्फिकार अली बड़ोड़ावाला, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, सिमाब नसीरुद्दीन काजी और अब्दुल कादिर पठान और कुछ अन्य संदिग्धों के साथ मिल कर ISIS मॉड्यूल खड़ा कर रहा था।

ठाणे के गाँव को बना रहा था अल शाम

नाचन ISIS का पूरा मॉड्यूल चला रहा था। NIA ने इस मामले में उसे मुख्य आरोपित बनाया था। नाचन समेत बाकी आरोपितों ने महाराष्ट्र के ठाणे के एक गाँव को ‘अल शाम’ यानी इस्लामिक शासन वाला आजाद क्षेत्र घोषित कर दिया था। ये भारत में शरिया के तहत इस्लाम का शासन स्थापित और आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।

NIA ने नाचन के अलावा हसीब जुबेर मुल्ला, काशिफ अब्दुल सत्तार बालेरे, सैफ अतीक नचन, रेहान अशफाक सुस, शगफ साफीक दिवकर, फिरोज दास्तगीर कुआरी को पकड़ा था। इस मामले में अन्य कई जगह से भी आतंकी पकड़े थे।

साकिब नचान ने कुख्यात आतंकी संगठन ISIS को आतंकी संगठन घोषित करने के खिलाने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।  ISIS के सरगना रहे नाचन ने इस्लामिक स्टेट और अन्य समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाली सरकारी अधिसूचना को रद्द करने की माँग की थी।

 

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