
फाइनेंसियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले की निंदा की है। FATF ने कहा है कि पहलगाम जैसा हमला बिना किसी फंडिंग के नहीं हो सकता। FATF ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है।
FATF ने सोमवार (16 जून, 2025) को यह आधिकारिक बयान जारी किया है। FATF ने कहा, “आतंकवादी हमले दुनिया भर में लोगों की जान लेते हैं, उन्हें अपंग बनाते हैं और भय पैदा करते हैं। FATF ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले पर गहरी चिंता जताई है और इसकी निंदा की है।”
FATF ने कहा, “यह और हाल ही में हुए अन्य हमले, बिना पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच पैसे के लेन-देन के साधनों के बिना नहीं हो सकते थे।” FATF ने कहा है कि आतंक की फंडिंग रोकने के लिए वह 200 से अधिक जगह नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है।
आधिकारिक बयान में FATF ने कहा है कि वह मामले में एक्शन लेते हुए जल्द ही आतंकी फंडिंग पर एक विश्लेषण भी जारी करेगा। FATF ने कहा कि आतंकवादियों को अपना मकसद पूरा करने में केवल एक बार सफल होने की आवश्यकता होती है, जबकि इसे रोकने के लिए हर बार सफल होना होगा।
पहलगाम आतंकी हमले के लगभग 2 महीने बाद यह बयान जारी करने पर FATF पर प्रश्न भी उठ रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए FATF से माँग भी की थी। पाकिस्तान का दावा है कि FATF ने यह माँग नहीं मानी। हालाँकि, FATF का इस पर क्या रुख है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है।
FATF के पहलगाम हमले के बयान के बाद उसके पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन का आधार और मजबूत हो गया है। आतंकी फंडिंग के चलते पाकिस्तान इससे पहले तीन बार FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है। आखिरी बार उसे 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था। इससे वह 2022 में निकला था।
FATF की ग्रे अथवा ब्लैक लिस्ट में जाने वाले देशों को विदेशी व्यापार और कर्ज जुटाना मुश्किल हो जाता है। उन पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध भी लग जाते हैं। FATF को वर्ष 1989 में मनी लांड्रिंग पर नजर रखने के लिए बनाया गया था, बाद में इसके अंतर्गत आतंकी फंडिंग देने वाले देशों पर एक्शन का काम भी आ गया।