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NDTV ने जिस आतंकी को दिखाया था ‘अल्लाह का बंदा’, अमेरिकी कोर्ट ने जिसे किया था बरी… PM मोदी-ट्रंप की दोस्ती से अब भारतीय अदालत सुनाएगी सजा

साल 2008 में हुए मुंबई में हुए 26/11 हमले का आरोपित तहव्वुर राणा जल्द भारत लाया जाएगा। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी पुष्टि की है। इस ऐलान के बाद हर जगह मोदी सरकार की दृढ़ शक्ति की तारीफ हो रही है। कारण यही है कि मोदी सरकार हमेशा से आतंकवाद के मुद्दे पर स्पष्ट थी। जिस समय पर वामपंथी मीडिया एड़ी-चोटी का जोर लगाकर राणा को निर्दोष दिखा रहा था उस समय भी नरेंद्र मोदी तहव्वुर राणा को रियायत मिलने पर अपनी अमेरिका की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने आवाज उठाई थी कि भारत के दोषियों का मामला भारत की कोर्ट में सुना जाना चाहिए।

जब तहव्वुर राणा की रिहाई पर भड़के थे नरेंद्र मोदी

14 साल पहले जब साल 2011 में अमेरिका की शिकागो कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 26/11 हमले मामले में बरी करने का निर्णय लिया था तो नरेंद्र मोदी ने भड़कते हुए सवाल पूछा था कि किस आधार पर 26/11 हमले के दोषियों को निर्दोष दिखाकर छोड़ा जा रहा है? मामले में इन्वेस्टिगेशन आखिर किसने की और कौन हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाएगा?

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि ये सब अमेरिका ने पाकिस्तान को खुश करने के लिए किया है। देश के प्रधानमंत्री अगर अमेरिका के मित्र माने जाते हैं तो फिर यहाँ एकतरफा कार्रवाई कैसे हो रही है? उन्होंने कहा था कि शिकागो की कोर्ट में जो कुछ भी हुआ है, उसे देख तो हिंदुस्तान में आतंकी गतिविधि करने वाले सारे आतंकी अमेरिका की कोर्ट में चले जाएँगे।

उन्होंने अमेरिका से पूछा था क्या 9/11 के दोषियों का केस भारत में चल सकता है? क्या यहाँ की कोर्ट उनके दोषियों के लिए फैसला दे सकती है? उन्होंने उस समय भारत सरकार से अपील की थी कि वो लोग अमेरिका के सामने आवाज उठाएँ और पाकिस्तान का जो रवैया उससे सख्ती से डील करें, क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक के बाद एक दोषी अमेरिका चले जाएँगे, वहाँ की कोर्ट में केस चलेंगे, फिर उन्हें निर्दोष छोड़ दिया जाएगा।

बता दें कि ये बयान उसी दौर में आया था जब मीडिया पर वामपंथियों का कब्जा था। आतंकियों को सजा दिलाने की माँग की बजाय, टीवी पर आतंकियों के लिए संवेदना बटोरने का काम होता था। तहव्वुर राणा के समय भी ऐसा ही हुआ था।

NDTV ने बटोरी थी तहव्वुर राणा के लिए संवेदना

वामपंथी दबदबे के कारण लंबे समय तक बदनाम रहा एनडीटीवी साल 2010 में तहव्वुर राणा के मामले को इमोशनल एंगल देने में जुटा था। उस समय जब तहव्वुर राणा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल रहे थे कि उसने 26/11 हमले के साजिशकर्ता की मदद की, कोर्ट में चार्जशीट दाखिल थी, तब भी एनडीटीवी इस बात को दिखा रहा था कि राणा कैसे अल्लाह का बंदा है।

एनडीटीवी ने तहव्वुर राणा के पिता से उस समय एक्सक्लूसिव बात की थी। इस बातचीत में राणा के अब्बा का कहना था- उनके बेटे का कोई दोष नहीं है। उसे खुद नहीं पता कि उसे कैसे फँसाया गया। सब हैरान हैं। वो तो अल्लाह का बंदा है, पाँच वक्त का नमाजी है। दिल का इतना नेक है कि अगर कोई रोटी माँगने आ जाए और उसपर एक रोटी हो तो अपनी दे देता है कि दूसरा खा ले।

राणा के अब्बा बार-बार बयान में दोहरा रहे थे कि उन्हें तो कुछ समझ नहीं आ रहा कि आखिर उनके नेक बेटे को कैसे फँसा दिया गया। वो कहते हैं कि हम जानते हैं हमें न्याय मिलेगा चाहे या मिले या अल्लाह की अदालत में मिले। दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ वो बेटे के जुर्म को छिपा रहे थे और दूसरी तरफ एनडीटीवी के आगे स्वीकार रहे थे कि वो मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हेडली को जानते हैं

वीडियो में सुन सकते हैं कि कैसे एनडीटीवी रिपोर्टर आतंकी साजिश रचने वाले को मिस्टर हेडली कहकर सम्मान दे रही थी। वहीं राणा के अब्बा हले बता रहे थे कि वो हेडली को जानते हैं, उनकी बीवी उनके यहाँ सौदा लेने आती है, लेकिन बाद में वो अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने हेडली को देखा नहीं है।

मोदी सरकार आते ही आतंकियों पर शिकंजा कसना शुरू

आज इन दोनों पक्षों को 15 साल बीत गए हैं। 2014 के बाद भी जहाँ वामपंथी मीडिया आतंकियों का बैकग्राउंड, पारिवारिक पक्ष, माता-पिता के बयान, घर की गरीबी, आतंकी की शिक्षा, दिखाकर उनके लिए एक नर्म माहौल बनाने का काम करता रहा। वहीं नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद न केवल पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया गया बल्कि आतंकवाद पर शिकंजा कसना भी शुरू हुआ। नतीजा- राणा जैसे आतंकियों को भारत लाने की प्रक्रिया भी तेज हुई।

तहव्वुर राणा के मामले की बात करें तो 26/11 मामले में उसे रिहाई मिलने के बाद भी मोदी सरकार ने अपने प्रयास रोके नहीं। साल 2019 में भारत ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका को एक कूटनीतिक/ डिप्लोमेटिक नोट सौंपा। 2020 में भारत ने प्रत्यर्पण के उद्देश्य से राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की माँग करते हुए शिकायत दर्ज की। 2023 में अमित शाह ने बताया कि तहव्वुर राणा जल्द भारत आएगा उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। 25 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी और अब डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसकी पुष्टि की है कि तहव्वुर भारत भेजा जाएगा

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