
अमेरिका में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र बद्र खान सूरी का वीजा खत्म कर दिया गया है। उस पर इस्लामी आतंकी संगठन हमास से जुड़े होने का आरोप है। उसे गिरफ्तार भी किया गया है। अब ट्रम्प सरकार उसके ऊपर आगे की कार्रवाई की तैयारी में है। इस बीच उसके वकील उसे बचाने में लग गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूरी को वर्जिनिया राज्य में सोमवार (17 मार्च, 2025) को हिरासत में लिया गया। उसके घर के बाहर एजेंसियाँ पहुँची और अपने साथ ले गईं। उसे वर्तमान में एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
सूरी का अमेरिकी वीजा भी सरकार ने खत्म कर दिया है। बद्र खान सूरी ने सरकार से खुद को छोड़े जाने की याचिका भी लगाई थी। हालाँकि, ट्रम्प सरकार इस मामले में सख्त है और उसने एक विशेष कानून का इस्तेमाल करके उसे निर्वासित किए जाने का आदेश जारी किया है।
बद्र खान सूरी अमेरिका के जार्जटाउन विश्वविद्यालय में रिसर्चर है। वह यहाँ पढ़ाता भी था। उसने एक अमेरिकी महिला से निकाह किया है। वह यहाँ के अल वलीद बिन तलाल मुस्लिम-ईसाई सेंटर में शोधार्थी था। अमेरिका में वीजा, पासपोर्ट और आंतरिक सुरक्षा देखने वाले डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्युरिटी (DHS) ने बद्र खान पर कार्रवाई चालू की है।
DHS ने अपने बयान में कहा, “बद्र खान सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक छात्र था जो हमास का प्रचार कर रहा था और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ा रहा था। सूरी के हमास के एक आतंकी से संबंध हैं, यह आतंकी हमास में सलाहकार है।”
DHS ने बताया, “विदेश मंत्री ने 15 मार्च, 2025 को एक निर्णय जारी किया है कि सूरी की अमेरिका में हरकतों के चलते उसे INA धारा 237(a)(4) के तहत निर्वासित किया जा सकता है।” बद्र खान सूरी के विषय में उसके जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय ने भी एक बयान जारी किया है। विश्वविद्यालय ने कहा कि उन्हें सूरी पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं है।
Georgetown University has also released a statement:“Dr. Khan Suri is an Indian national who was duly granted a visa to enter the United States to continue his doctoral research on peacebuilding in Iraq and Afghanistan. We are not aware of him engaging in any illegal activity,…— Bill Melugin (@BillMelugin_) March 20, 2025
सूरी के विषय में और भी जानकारी निकली है। पता चला है कि वह 2020 तक जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली में पढ़ता था। सूरी हमास के समर्थन के चलते अमेरिका की कार्रवाई का सामने करने वाला दूसरा भारतीय छात्र है।
इससे कुछ ही दिन पहले भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन पर भी यही आरोप लगे थे। हालाँकि, उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था। रंजनी श्रीनिवासन इसके बाद चुपके से खुद ही अमेरिका से निकल कर चली गई थी। उसने DHS के एक एप का इस्तेमाल करके खुद को निर्वासित किया था। इसके बाद वह कनाडा गई थी।
रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय में शहरी नियोजन में डॉक्टरेट की छात्रा के रूप में F-1 छात्र वीज़ा पर अमेरिका गई थी। उसके ऐसे कुछ निबन्ध सामने आए थे जहाँ वह कथित ब्राम्हणवादी मानसिकता को कोस रही है। रंजनी श्रीवास्तव अमेरिका जाने से पहले भारत में अहमदबाद के भीतर CEPT विश्वविद्यालय में पढ़ती थी।
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