रिपोर्टर बने

6 महीने जेल में रखा, बार-बार याचिका की खारिज: आखिकार ISKCON संत चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश में जमानत, हिन्दुओं की आवाज उठाने पर ठोंक दिया था देशद्रोह

बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए ISKCON संत चिन्मय कृष्ण दास को जमानत मिल गई है। उन्हें बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने जमानत दी है। चिन्मय कृष्ण दास को हिन्दुओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर मोहम्मद यूनुस की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास को बुधवार (30 अप्रैल, 2025) को बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने जमानत दी। जस्टिस अताउर रहमान और जस्टिस मोहम्मद अली रेजा ने उनकी जमानत का आदेश पारित किया। इससे पहले 23 अप्रैल, 2025 को उन्हें जमानत देने से मना करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया था।

चिन्मय कृष्ण दास की अभी जेल से रिहाई नहीं हुई है, कोर्ट का आदेश जेल अधिकरियों के पास पहुँचने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। चिन्मय कृष्ण दास के लिए जमानत की याचिका डालने वाले वकील अपूर्ब कुमार भट्टाचार्य ने कोर्ट को बताया था कि हिन्दू संत जेल के भीतर बीमार हैं और समस्याओं से गुजर रहे हैं।

चिन्मय कृष्ण दास को यह जमानत उनके गिरफ्तार किए जाने के 6 महीने बाद दी गई है। उनके गिरफ्तार किए जाने के बाद रिहाई की माँग करने वाले हिन्दुओं पर भी हमला कर दिया गया था। उन्हें जेल के भीतर खाना देने गए लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए थे।

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास को जमानत ना देने के लिए भी लगातार प्रयास हो रहे थे। एक बार उन्हें 30 मिनट सुनवाई के बाद जमानत देने से इनकार किया गया तो एक बार उनकी याचिका में खामी निकाल दी गई थी। उनके वकील रबीन्द्र घोष पर भी हमला हुआ था।

क्यों गिरफ्तार हुए थे चिन्मय कृष्ण दास?

25 अक्टूबर, 2024 को बांग्लादेश के चटगाँव में हिन्दुओं ने एक रैली आयोजित की थी। इस रैली का नेतृत्व चिन्मय कृष्ण दास कर रहे थे। यह रैली चटगाँव में ऐतिहासिक लाल दीघी मैदान में आयोजित की गई थी। इसमें हजारों हिन्दू शामिल हुए थे। चटगाँव में यह रैली हिंदुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमलों के विरोध में आयोजित की गई थी।

इस रैली के दौरान हिन्दुओं ने भगवा झंडे लहराए और सरकार से कार्रवाई की माँग की। चटगाँव में हुई इस रैली के कारण इस्लामी कट्टरपंथी बिदक गए। उन्होंने इस रैली में एक जगह पर एक भगवा झंडा, बांग्लादेश के झंडे से ऊँचा लहराता हुआ देख लिया।

इसी के आधार पर फिरोज खान नाम के एक शख्स ने चटगाँव में ही चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। फिरोज खान ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश का झंडा नीचे करके लहराया जा रहा था जो इसका अपमान है और यह देशद्रोह का कार्य है। फिरोज ने आरोप लगाया था कि इससे चिन्मय कृष्ण दास देश में अशांति लाना चाहते हैं।

इसके बाद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया तगा। उन्हें चटगाँव की अदालत में पेश किया गया। यहाँ मजिस्ट्रेट काजी नजरुल इस्लाम ने उन्हें देशद्रोह का आरोपित मानते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया था।

  • Related Posts

    पेपरलेस होगी जनगणना, जाति के आँकड़े भी किए जाएँगे इकट्ठा, घर से लेकर रोजगार तक हर डिटेल होगी दर्ज: जानिए कौन से नए सवाल पूछे जाएँगे, कितनी लंबी होगी प्रक्रिया

    भारत के इतिहास में पहली बार 2027 की जनगणना डिजिटल तरीके से होने जा रही है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन 16 जून 2025 को जारी किया गया ।…

    ममता सरकार की नई OBC आरक्षण लिस्ट पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, 76 जातियाँ की थी शामिल: भाजपा ने बताया- इनमें 67 मुस्लिमों की

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की नई आरक्षण सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। यह नई सूची राज्य की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com