
एक तो पाकिस्तान पहले से ही कंगाल होने की कगार पर है और दुनिया भर में भीख का कटोरा लेकर घूमता रहता है, अब पहलगाम आतंकी हमला करवा के उसने अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मार ली है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के और खस्ताहाल होने की उम्मीद है। भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर रखा है, पाकिस्तान से आयात-निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया गया है और पाकिस्तानियों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी है। इन सब कार्रवाइयों का पाकिस्तान की इकॉनमी पर असर पड़ना शुरू हो गया है।
इधर भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बेनकाब करने के लिए कमर कस ली है। भारत ने ‘एशियन डेवलपमेंट बैंक’ (ADB) से निवेदन किया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोकी जाए। ADB के मुखिया व जापानी नौकरशाह मासातो कांडा से मुलाक़ात के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये माँग रखी। निर्मला सीतारमण फ़िलहाल ADB की 58वीं वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए इटली के मिलान में हैं। पाकिस्तान के विषय में वो इटली समेत अन्य यूरोपियन देशों के साथ भी बातचीत कर चुके हैं।
साथ ही भारत ने माँग है कि पाकिस्तान को ‘फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स’ की ग्रे लिस्ट में डाला जाए। साथ ही इस्लामाबाद जा रही फंडिंग को रोकने की भी माँग की गई। अब तक ADB द्वारा पाकिस्तान को 53 लोन और 3 ग्रांट्स दिए जा चुके हैं, 9.13 बिलियन डॉलर (भारतीय रुपयों में 76,900 करोड़ रुपए) के। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद से निपटने में विफल रहने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। ग्रे लिस्ट में शामिल देशों की स्क्रूटनी गहनता से होती है, वहाँ निवेश पर नकारात्मक असर पड़ता है।
उधर वैश्विक वित्तीय सेवा संस्था Moody’s ने अपने अध्ययन में पाया है कि भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान पर ज़्यादा नकारात्मक असर पड़ेगा। संस्था ने कहा है कि इससे पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व दबाव में आ सकता है और इसके विकास पर असर पड़ेगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो देशवासियों की इच्छा है, वो पूरी होगी। उधर पाकिस्तान के नेता बौखलाहट में भारत को भला-बुरा कहने में लगे हुए हैं।
Moody's rating agency warning on Pakistan economy"A persistent increase in tensions could impair Pakistan’s access to external financing and pressure its foreign-exchange reserves, which remain well below what is required to meet its external debt payment needs" pic.twitter.com/QDlYGcrvYq— Sidhant Sibal (@sidhant) May 5, 2025
मूडीज रेटिंग्स ने पाकिस्तान को ये भी चेताया है कि उसकी आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है और सरकार के वित्तीय सुधारों की प्रक्रिया को भी गहरा नुकसान हो सकता है। मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता की दिशा में जो भी प्रगति हुई है, वो रुक सकती है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ेगा, जो फिलहाल आने वाले वर्षों की विदेशी ऋण ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ़ करते हुए एजेंसी ने कहा है कि स्थिर विकास दर, बड़े सरकारी निवेश और मजबूत उपभोक्ता माँग भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।