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IMF से पाकिस्तान को मिली ₹8500 करोड़ की ‘भीख’, वोटिंग से किनारा करने पर राजदीप सरदेसाई और कॉन्ग्रेस भारत को बदनाम करने में जुटे: जानें क्या है पूरी सच्चाई

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने शुक्रवार (9 मई 2025) को पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के लिए ₹8,500 करोड़ की मंजूरी दी है। इसके बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश और इंडिया टूडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भारत सरकार पर हमला बोला है।

जयराम रमेश ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने पहले ही माँग की थी कि भारत आईएमएफ में पाकिस्तान को कर्ज देने का विरोध करे, लेकिन मोदी सरकार ‘डर’ गई और उसने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत ‘नहीं’ में वोट करता तो यह एक मजबूत संदेश होता।

On April 29th, the INC had demanded that India vote against the IMF loan to Pakistan, which was considered today by its Executive Board. India has only abstained from the vote. The Modi Government has chickened out. A strong NO would have sent a powerful signal. https://t.co/AhAwNyHnYo— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 9, 2025

वहीं पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी भारत सरकार के बारे में गलत जानकारी को आगे बढ़ाया और सवाल किया कि भारत ने आईएमएफ मीटिंग में पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज के खिलाफ वोट क्यों नहीं किया। सरदेसाई ने 9 मई 2025 को एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “भारत ने आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज के लिए वोटिंग से किनारा किया है। सवाल: हमने इस्लामाबाद के खिलाफ वोट क्यों नहीं किया, जबकि इसमें हमारे हित जुड़े हुए थे?”

सोशल मीडिया पर भी आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को कर्ज देने का विरोध किया जा रहा है। कुछ यूजर्स आईएमएफ को आतंकवाद की मदद करने वाली संस्था बता रहे है और इसी के साथ #IMFSupportsTerrorism, #IMFSupportsTerrorist, #ShameOnIMF जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

भारत ने शुक्रवार (9 मई 2025) को IMF की बैठक में पाकिस्तान को और ज्यादा पैसे देने का खुलकर विरोध किया था। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का पिछला रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और जो भी पैसा दिया जाएगा, उसका इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया जा सकता है।

आईएमएफ की बैठक में पाकिस्तान को ₹8,500 करोड़ का नया कर्ज देने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया। भारत ने बताया कि पिछले 35 सालों में से 28 साल पाकिस्तान को IMF से मदद मिली है, लेकिन फिर भी वहाँ कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है।

भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी फौज का देश के आर्थिक मामलों में बहुत ज्यादा दखल है, जिससे सुधार करना मुश्किल है। भारत ने ऐसे देश को पैसा देने पर आपत्ति जताई जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है। भारत ने चेतावनी दी कि ऐसा करने से आईएमएफ जैसे बड़े संस्थानों की बदनामी हो सकती है और दुनिया के नियमों का मजाक उड़ सकता है।

आईएमएफ के नियमों के तहत, सदस्य देश सीधे तौर पर किसी देश को कर्ज देने के प्रस्ताव के खिलाफ वोट नहीं कर सकते हैं। वे या तो इसके पक्ष में वोट कर सकते हैं या वोटिंग से दूर रह सकते हैं। भारत ने इसी नियम के तहत वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और अपनी असहमति दर्ज कराई।

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