
वाराणसी में पकड़े गए ISI एजेंट तुफैल को लेकर एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (ATS) की जाँच में रोजाना नई बातें सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, तुफैल ने चार देशों में आतंकी नेटवर्क फैला रखा था।
ATS तुफैल के मोबाइल के जरिए कई अहम सुरागों तक पहुँची है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एटीएस ने तुफैल के मोबाइल से लगभग 70% तक डेटा रिकवर किया है। इसमें उसके आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने की कई बातें सामने आई हैं। इसके अलावा तुफैल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बने अकाउंट्स की भी जाँच की जा रही है।
सोशल मीडिया की जाँच में पता चला कि तुफैल सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि 4 अन्य मुस्लिम देशों से भी जुड़ा हुआ है। वहाँ के लोगों से लगातार संपर्क में था। गौरतलब है कि तूफैल एक पाकिस्तानी फौजी की बीवी नसीफा के हनीट्रैप में भी फँसा था।
नफीसा ने वीडियो कॉल के जरिए वाराणसी देखा था। उसके लिए तुफैल ने कपड़े भी पाकिस्तान भिजवाए थे। इन्हें भिजवाने के लिए तुफैल ने नेपाल और पंजाब के रास्ते चुने। पुलिस जाँच में तुफैल के साथ जुड़े 4-5 लोगों के नाम सामने आए हैं। ATS उनसे भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
विदेशी दोस्तों ने तोड़ा नाता
उत्तर प्रदेश एटीएस ने वाराणसी से तुफैल को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गुरुवार (22 मई 2025) को गिरफ्तार किया। एटीएस का शिकंजा जैसे ही तुफैल पर कसा, वैसे ही उसके विदेशी दोस्तों ने उससे सारे संपर्क तोड़ दिए हैं। इसकी जानकारी भी उसके मोबाइल से ही मिली है।
उसने तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाह रिज़वी के वीडियो वॉट्सऐप ग्रुप में साझा किए। इन संदेशों में ‘गज़वा-ए-हिंद’ (भारत पर इस्लामी कब्ज़ा), बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने और भारत में शरिया कानून लागू करने जैसी भड़काऊ बातें शामिल थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसके गिरफ्तार होने के बाद व्हाट्सएप पर 19 ग्रुपों से में से 7 से उसे हटा दिया गया। साथ ही इस ग्रुप की पूरी हिस्ट्री और चैट्स डिलीट कर दी गई हैं। हालाँकि ATS के पास इसका क्लोन मौजूद है।
इसके अलावा ATS को ये भी पता चलास कि तुफैल ने पाकिस्तान के व्हाट्सएप ग्रुप का लिंक वाराणसी के अन्य लोगों को भी भेजा था। इसके जरिए वह मुस्लिम लोगों से समर्थन माँग रहा था। उसने राजघाट, नमोघाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया की तस्वीरें और उनसे जुड़ी जानकारियों पाकिस्तान के कुछ नंबरों पर शेयर की हैं।
इसी तरह नफीसा से तुफैल की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई। वाराणसी से जुड़े भारतीय होने पर नफीसा ने तुफैल को अपना नंबर दिया और उसे कुछ पाकिस्तानी ग्रुप में जुड़वाया। इसके बाद तुफैल कुछ और लोगों के संपर्क में आ गया। जाँच में सामने आया कि तुफैल 600 से अधिक पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।
तुफैल का संबंध पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से था। वह संगठन के नेता मौलाना शाद रिजवी का समर्थक था और उसके वीडियो व्हाट्सएप ग्रुपों में भेजा करता था। वह ‘गजवा -ए – हिन्द’, शरीयत लागू करने और बाबरी मस्जिद का बदला लेने जैसे उत्तेजक और भड़काऊ मैसेज शेयर करता था।