
बांग्लादेश वर्तमान में राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट कर सत्ता में आए मोहम्मद यूनुस की कुर्सी डगमगा रही है। उनकी अंतरिम सरकार और फ़ौज के बीच तनातनी जगजाहिर हो गई है। मोहम्मद यूनुस अपनी सत्ता जाने के डर से भारत विरोधी प्रलाप पर उतर आए हैं। बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट को यूनुस ‘भारत की साजिश’ करार दे रहे हैं। उन्होंने एक मीटिंग में यह बात कही है।
भारत रच रहा ‘बर्बाद’ करने की साजिश: यूनुस
बांग्लादेश में जारी उठापटक के बीच मोहम्मद यूनुस ने रविवार (25 मई, 2025) को एक बैठक बुलाई थी। यह बैठक बांग्लादेश के राजनीतिक दलों एवं अन्य संगठनों के साथ थी। इस बैठक में राजनीतिक दलों ने माँग की कि वह जल्द आम चुनाव करवाएँ। हालाँकि, मोहम्मद यूनुस ने चुनावों को लेकर कोई भी रोडमैप नहीं दिया और भारत के खिलाफ जहर उगला। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि भारत जुलाई, 2024 के बाद बांग्लादेश में हुए बदलावों को स्वीकार नहीं कर रहा है।
इस बैठक में शामिल नागरिक ओइक्य परिषद के मुखिया महमूदुर रहमान मन्ना ने बताया, “उन्होंने (यूनुस) चर्चा की शुरुआत यह कहकर की कि हम एक बड़े संकट में हैं। इस संकट से उनका मतलब भारतीय के अपनी बढ़त स्थापित करने से था। भारत हमारे यहाँ आए बदलाव को कतई स्वीकार नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो भारत हमें एक दिन में खत्म करना चाहता हैं और इसके लिए वह हर संभव कोशिश कर रहा है।”
फ़ौज से चल रहा झगड़ा
मोहम्मद यूनुस यह बातें ऐसे समय में कह रहे हैं जब देश की फौज और आवामी लीग के प्रतिबंधित होने के बाद बची प्रमुख पार्टी BNP उनके खिलाफ हो गई है। मोहम्मद यूनुस ने अगस्त, 2025 में सत्ता हथियाई थी। तब लोगों को उम्मीद थी कि कुछ ही महीनों के भीतर चुनाव हो जाएँगे। हालाँकि, यूनुस अब खुद गद्दी पर बने रहना चाहते हैं। उन्होंने लगभग 10 माह बीतने के बाद भी चुनावों को लेकर कोई प्लान नहीं दिया है।
इसके चलते BNP उनसे खफा है। वहीं फ़ौज के मुखिया वकार उज जमाँ भी मोहम्मद यूनुस के खिलाफ हो गए हैं। हाल ही में मोहम्मद यूनुस की सरकार ने म्यांमार के रोहिंग्या की मदद के लिए एक कॉरिडोर संयुक्त राष्ट्र को देने का ऐलान किया था। इसका फ़ौज ने तगड़ा विरोध किया। फ़ौज के मुखिया जमाँ ने इसे सुरक्षा खतरा बताया और ‘बकवास’ करार दिया। इसके बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार को पीछे हटना पड़ा।
इस्तीफे की धमकी भी नहीं आई काम
फ़ौज के मुखिया जमाँ ने यह सारी बातें आर्मी कमांडरों की एक कॉन्फ्रेंस में कही थीं। उन्होंने मोहम्मद यूनुस को दिसम्बर, 2025 तक चुनाव करवाने को भी कहा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि देश को चुनी हुई सरकार ही ढंग से चला सकती है ना कि बिना चुनाव के सत्ता में आए हुए लोग। इस सबके बाद मोहम्मद यूनुस ने इस्तीफ़ा देने की धमकी भी दी थी। हालाँकि, यह धमकी शाम तक फर्जी साबित हुई और यूनुस ने सत्ता छोड़ने में कोई ख़ास रुचि नहीं दिखाई।
इन सबके बाद अपनी कुर्सी बचाने को मोहम्मद यूनुस ने भारत पर दोष मढ़ना चालू कर दिया है। हालाँकि, भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह बांग्लादेश में लोकतंत्र समर्थक है और जल्द से जल्द चुनाव देखना चाहता है। बांग्लादेश के भारत विरोधी रवैये के बाद भी भारत ने अभी कोई सख्त कदम उसके खिलाफ नहीं उठाया है। लेकिन यूनुस का यह प्रलाप लगातार जारी है। अभी भारत ने इस पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है।