
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सीआरपीएफ के एएसआई मोतीराम जाट से पूछताछ में NIA को कई नई बातें पता चली हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि एक पाकिस्तानी अधिकारी ने चंडीगढ़ की एक न्यूज जर्नलिस्ट बनकर उससे भारत की कई अहम जानकारियाँ ली थी।
हनीट्रैप में फँसा CRPF जवान मोतीराम जाट बीते 2 सालों से भारत की कई खुफिया जानकारियाँ साझा कर रहा था। पहलगाम हमले से सिर्फ 5 दिन पहले ही उसका ट्रांसफर दिल्ली हुआ था।
TV जर्नलिस्ट बन जवान को फाँसा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाँच में सामने आया कि एक महिला खुद को चंडीगढ़ का TV जर्नलिस्ट बताते हुए CRPF जवान के संपर्क में आई थी। उसने जवान से कुछ जानकारियाँ साझा करने की गुजारिश की। इसके बाद महिला लगातार जवान के संपर्क में बनी रही। नजदीकियाँ बढ़ाने के लिए मैसेज, कॉल्स और वीडियो कॉल्स तक किए।
मोती राम ने इसके बाद महिला से कई खुफिया जानकारियाँ साझा करनी शुरू कर दी थी। दो से तीन महीने तक बातचीत के बाद महिला ने एक अन्य व्यक्ति को उसी न्यूज चैनल का पत्रकार बताकर संपर्क करवाया। असल में वह एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का अधिकारी था।
CRPF जवान के फोन की भी जाँच की गई है। इसमें पता चला कि उसकी तरफ से कोई भी मैसेज डिलीट नहीं किया गया था। पर साथ में ये भी मिला कि मोती राम ने सुरक्षा एजेंसियों की आवाजाही की न्यूज की कुछ क्लिप्स भी साझा की थी। इस पर पत्रकार बने अधिकारी ने उससे उन जानकारियों को भेजने से मना कर दिया जो पहले से ही लोगों को पता हो।
पहलगाम हमले के बाद भी दी जानकारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, मोतीराम ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी कई जानकारियाँ पाकिस्तानी जासूसों को दी थी। इसके एवज में पत्रकार बने अधिकारी ने उसे ₹3500 महीने और किसी एक्सक्लूसिव और अहम जानकारी के लिए ₹12000 अतिरिक्त दिए थे। ये पैसे उसने अपनाे और अपनी पत्नी के बैंक खाते में लिए थे।
जवान की ओर से साझा की गई जानकारियों में आतंकी हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह का कश्मीर दौरा, सीआरपीएफ जवानों की आवाजाही की संख्या, आतंकियों के ठिकानों की जानकारी और 50 पर्यटन स्थलों के बंद होने की बात शामिल है।
CRPF में सहायक उपनिरीक्षक (ASI) मोती राम जाट ट्रांसफर से पहले पहलगाम में ही 116 बटालियन में तैनात था। NIA ने उन्हें सोमवार (26 मई 2025) को उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था। 2023 से वह पाकिस्तान के अधिकारियों (PIO) को भारत की खुफिया जानकारी शेयर कर रहे थे। जवान को 6 जून 2025 तक NIA की कस्टडी में भेजा गया है।