वाराणसी।शिव की नगरी वाराणसी में रविवार को प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। पुलिस लाइन से लेकर कचहरी रोड तक फैले इलाके में जेसीबी और बुलडोज़र की गड़गड़ाहट ने माहौल को गर्मा दिया। कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने दर्जनों मकानों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया। इस बीच सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा कैंट थाना क्षेत्र का कचहरी चौराहा, जहां पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का घर भी जमींदोज कर दिया गया।
सुबह 12:30 बजे शुरू हुआ अभियान
रविवार को दोपहर करीब 12:30 बजे प्रशासन की टीम ने कचनार शहीद मजार की दीवार तोड़कर अभियान की शुरुआत की। इसके बाद सड़क किनारे बनी दुकानों और अवैध निर्माणों पर बुलडोज़र चलाया गया। दायम खान मस्जिद के आसपास किए गए अतिक्रमण को भी ध्वस्त कर दिया गया।
भारी पुलिस बल तैनात
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन बेहद सतर्क दिखा। तीन थानों की पुलिस, आरएएफ की टुकड़ी और दंगा नियंत्रण वाहन मौके पर तैनात रहे। पूरे इलाके में लगभग 200 पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहे ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
नोटिस और मुआवजा पहले से जारी
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जिन मकानों और दुकानों को गिराया गया, उनके मालिकों को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे। सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत अब तक 71 प्रभावितों को कुल 3 करोड़ 52 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जा चुका है। इसके बावजूद कुछ लोगों ने अपनी संपत्ति खाली नहीं की, जिसके बाद प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी।
सड़क चौड़ीकरण योजना का उद्देश्य
संदहा से लेकर कचहरी रोड तक करीब 300 मीटर लंबाई और 60 मीटर चौड़ाई में फोरलेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। प्रशासन के मुताबिक, इस योजना से शहर में जाम की समस्या से निजात मिलेगी, ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यातायात सुगम होगा। इसके साथ ही शहर को आधुनिक अवसंरचना से जोड़ने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
अतिक्रमण अभियान के दौरान स्थानीय लोग बड़ी संख्या में जुटे। कुछ लोगों ने सड़क चौड़ीकरण योजना और मुआवजा देने की प्रक्रिया की सराहना की। वहीं, व्यापारियों ने दुकानों और मकानों के टूटने पर नाराज़गी जताई। उनका कहना था कि अचानक हुई इस कार्रवाई से उनकी रोज़ी-रोटी प्रभावित होगी। प्रशासन ने साफ किया कि यह कदम विकास और सार्वजनिक सुविधा के लिए उठाया गया है।
प्रशासन का कड़ा संदेश
नगर निगम और जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी तरह से नियमों और कानूनों के दायरे में की गई। अधिकारियों का कहना था कि बार-बार नोटिस और मुआवजा देने के बावजूद कुछ लोग अतिक्रमण हटाने से इनकार कर रहे थे। प्रशासन ने संदेश दिया कि शहर के विकास में बाधा बनने वाले किसी भी अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।







