अंगदान और देहदान से देंगे जीवन का अमूल्य तोहफ़ा

देवरिया। जीवन का असली अर्थ क्या है —यह रुद्रपुर क्षेत्र के दो नागरिकों ने बखूबी दिखा दिया। जब अधिकांश लोग मृत्यु के बाद सब कुछ समाप्त मान लेते हैं, तब इन दो समाजसेवियों ने मृत्यु के पार भी मानवता की लौ जलाने का संकल्प लिया है। उन्होंने न केवल अंगदान, बल्कि देहदान का प्रण लेकर ऐसी मिसाल पेश की है जो हर संवेदनशील हृदय को छू जाए।

पिड़रा गांव निवासी राणाप्रताप सिंह,जो प्रत्युष विहार रामचक स्कूल के संचालक और रेडक्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य हैं, ने नई दिल्ली स्थित संस्था ऑर्गन इंडिया के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) से अंगदाता पहचान पत्र प्राप्त किया है।
राणाप्रताप सिंह का कहना है — “शरीर तो मिट्टी में मिल ही जाता है, लेकिन अगर मेरे अंग किसी को नई जिंदगी दे सकें, तो यही सबसे बड़ा मानव धर्म होगा।”उन्हें प्रेरणा एक समाचार से मिली, जिसमें अंगदान के जरिए कई जिंदगियाँ बचाई गई थीं। उनके इस निर्णय को परिवार ने भी खुले दिल से स्वीकार किया।
इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए नगवा खास गांव के अधिवक्ता नागेंद्र राव ने भी न केवल अंगदान, बल्कि देहदान का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा —“मृत्यु के बाद भी यदि मेरा शरीर चिकित्सकीय शिक्षा में काम आ सके या मेरे अंग किसी को जीवन दे सकें — तो यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।”इन दोनों समाजसेवियों ने यह साबित कर दिया कि मानवता केवल जीवन में नहीं, मृत्यु के बाद भी निभाई जा सकती है।उनके इस निर्णय से रुद्रपुर क्षेत्र ही नहीं, पूरा जनपद गर्व महसूस कर रहा है। अब कई लोग उनके प्रेरक कदम से प्रभावित होकर अंगदान की दिशा में आगे आने की बात कर रहे हैं।







