अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के सैन्य कार्रवाई की धमकी के बाद नाइजीरिया में ईसाइयों पर हो रहे जुल्म का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यहाँ हजारों ईसाइयों की अब तक हत्या कर दी गई है जबकि हजारों गैरइस्लामिक लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
नाइजीरिया में एक्टिव बोको हराम, इस्लामिक स्टेट ऑफ अफ्रीका, फुलानी चरवाहा जैसे संगठन गैरइस्लामी लोगों का कत्लेआम कर रहे हैं। इन संगठनों ने अनौपचारिक तौर पर देश के कई हिस्सों में शरिया कानून लागू कर दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने दी सैन्य कार्रवाई की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पेंटागन को उन्होंने इसकी योजना बनाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने नाइजीरियन सरकार पर ईसाइयों के खिलाफ हो रहे सामूहिक नरसंहार को नहीं रोक पाने का आरोप भी लगाया।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि नाइजीरिया में हजारों ईसाइयों की हत्या की जा रही हैं। इससे यहाँ ईसाइयों के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है। इस्लामी कट्टरपंथी इन सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार है। अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके खिलाफ बड़े एक्शन की योजना बनाया जा रहा है।
US President Donald Trump posts, "If the Nigerian Government continues to allow the killing of Christians, the U.S.A. will immediately stop all aid and assistance to Nigeria, and may very well go into that now disgraced country, 'guns-a-blazing,' to completely wipe out the… pic.twitter.com/7mn9vG7aM3— ANI (@ANI) November 1, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 नवंबर 2025 को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “अगर नाइजीरियाई सरकार ईसाइयों की हत्या की इजाजत देती रही, तो अमेरिका नाइजीरिया को दी जाने वाली सभी तरह की मदद तुरंत बंद कर देगा, और हो सकता है कि उस बदनाम देश में ‘गोलियाँ बरसाकर’ उन इस्लामी आतंकवादियों का सफाया कर दे, जो ये भयानक अत्याचार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं अपने युद्ध विभाग को संभावित कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दे रहा हूँ। अगर हम हमला करेंगे, तो वह तेज, क्रूर और तीखा होगा, ठीक वैसे ही जैसे आतंकवादी गुंडे हमारे प्यारे ईसाइयों पर हमला करते हैं! चेतावनी: नाइजीरियाई सरकार को जल्दबाज़ी में कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने नाइजीरिया को स्पेशल वॉच लिस्ट में शामिल किया है। इस लिस्ट में चीन, रूस, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया समेत कई देशों को शामिल किया गया है। अमेरिका की माने तो जिस देश में धार्मिक आजादी का उल्लंघन होता है, उस देश को अपने स्पेशल लिस्ट में डालता है।
फोटो साभार-बीबीसी
नाइजीरिया में हुई ईसाइयों की हत्या की ताजा घटनाएँ
नाइजीरिया में ईसाइयों और इस्लामी कट्टरपंथियों के बीच टकराव की शुरुआत 1950 के दशक में शुरू हो गई थी। बोको हरम और फुलानी चरवाहों जैसे इस्लामी कट्टरपंथी संगठन 2009 में अस्तित्व में आए। इस्लामी कट्टरपंथी शुरुआत से ही ईसाइयों के गाँवों और चर्च को अपना निशाना बनातेआ रहे हैं। गाँव के गाँव उजाड़ दिए गए और चर्च को नष्ट कर दिया गया।
साल 2025 की बात करें तो 14 अक्टूबर को नाइजीरिया के प्लेटू राज्य के रचास और रावुरु गाँव में फुलानी मिलिटेंट्स ने हमला कर 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
23 सितंबर 2025 को बोको हराम ने अदमवा राज्य के वाग्गा मोंगारो गाँव में 4 ईसाइयों की हत्या कर दी, घरों और चर्च को नेस्तनाबूद कर दिया। इस हमले में कई लोग घायल भी हुए। वहीं 5 सितंबर को इसी संगठन ने बोर्नो राज्य के दरुल जमाल गाँव में हमला कर 63 लोगों को मार डाला।
13-14 जून की रात बेन्युए राज्य के इएलेवाटा गाँव में फुलानी चरवाहों ने 100 से ज्यादा ईसाइयों की हत्या कर दी और उनके घरों में आग लगा दी। इससे पहले 24 मई को फुलानी चरवाहों ने ही ताराबा राज्य के करिम लामिदो पर हमला कर 42 ईसाइयों की हत्या कर दी और 60 से ज्यादा घर जला दिए।
गाँव के आसपास के करीब 5000 लोग अपना घर-बार छोड़ कर विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं। अमेरिका स्थित काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 से अब तक अलग-अलग वजहों से 60000 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 से बोको हराम ने 40000 से ज्यादा ईसाइयों की यहाँ हत्या कर दी। हजारों बच्चे मारे गए हैं और करोड़ों लोग विस्थापित हुए हैं। 2011 से अभी तक बोको हराम और इस्लामिक स्टेट इन वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस ने 37500 से अधिक लोगों की हत्या कर दी।
बोको हराम और अल कायदा का कनेक्शन
बोको हराम एक कट्टर इस्लामी संगठन है। इसकी नाइजीरिया की राजनीति में दखंलदाजी है। बोको हराम ने अगस्त 2011 में नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में संयुक्त राष्ट्र भवन में हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद दुनिया का ध्यान इस संगठन पर गया। इस हमले में कम से कम 25 लोग मारे गए थे और 110 से ज्यादा घायल हुए थे।
इसके बाद लगातार ईसाइयों को ये संगठन अपना निशाना बनाता रहा है। संगठन पश्चिमी शिक्षा और सभ्यता के खिलाफ है और वैश्विक इस्लामिक आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। इस संगठन को अल-सुन्नाह लिल-दावा वल-जिहाद (इस्लाम और जिहाद के प्रचार के लिए सुन्नत के लोगों का समूह) से भी जाना जाता है।
अल-कायदा और उत्तरी अफ्रीका की शाखा एक्यूआईएम और एमयूजेएओ के साथ कनेक्शन है। अलकायदा आतंकी नेटवर्क का हिस्सा होने की वजह से इसे हर तरह की सहायता मिल जाती है, नाईजीरिया में इसने राजनीतिक रूप से पैर पहले ही जमा लिए हैं। यहीं वजह है कि ईसाइयों की हत्या करने वाले इस संगठन के समर्थक नाईजीरिया में ऊँचे पदों पर हैं।
नाइजीरिया के संचार मंत्री इसा अलियू पंतामी को लेकर कुछ दिन पहले विदेशी समाचार में खबर चली कि पंतामी के संबंध बोको हरम नाम के आतंकी संगठन से हैं और अमेरिका की खूफिया एजेंसी ने उन्हें अपनी वॉचलिस्ट में रखा हुआ है। उन्होंने कहा था कि “यह जिहाद हर एक आस्तिक के लिए एक दायित्व है, विशेष रूप से नाइजीरिया में।” आगे वह दुआ करते हुए कहता है, “या अल्लाह, तालिबान और अलकायदा को जीत दिलाओ।” बोको हराम के नेता मोहम्मद यूसुफ पर अल-कायदा से संबंध होने का आरोप था, हालाँकि हिरासत में उसकी मौत हो गई।
And this man is still moving around freely Nigerians are playing with fire but many are yet to realize it👇I support terrorist groups like Taliban, Al-Qaeda, not Boko Haram: Minister Pantami https://t.co/etdlfB6dmr— Machuks Okonkwọ (@MachuksO) April 14, 2021
पिछले साल गर्मी के दिनों में बोको हराम ने तीन उत्तरी राज्यों में एक साथ हमले किए। अधिकारियों ने इस विद्रोह को काफी क्रूरता से दबा दिया, इस दौरान 700 से ज्यादा लोगों की जान गई। इनमें कई नागरिक शामिल थे।
इस्लामिक स्टेट भी एक्टिव
नाइजीरिया में एक्टिव इस्लामिक स्टेट में कई बच्चे भी शामिल हैं। पिछले दिनों 8 साल के एक आईएस आतंकी ने एक ईसाई की गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकी संगठन की न्यूज एजेंसी अमाक ने इस घटना का वीडियो जारी किया है। 8 साल का यह आतंकी वीडियो में ईसाई समुदाय के लोगों को धमकी देता हुआ दिखाई दिया। इसमें वह कह रहा है कि वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वह उन सभी खूनों का बदला नहीं ले लेते जो उनके लोगों का बहाया गया।
एक अन्य घटना में एक पादरी का सिर कलम कर दिया गया। इससे एक महीने पहले भी आईएस आतंकियों ने 11 ईसाइयों का सिर कलम कर दिया था।
कट्टरपंथी इस्लामी जिहादियों का समर्थन
करीब 22 करोड़ की आबादी वाले इस देश में करीब करीब आधी-आधी आबादी मुस्लिम और ईसाइयों की है। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि नाइजीरियाई आबादी का बड़ा हिस्सा इस्लामी कट्टरपंथ का समर्थक है । प्यू ग्लोबल एटीट्यूड्स प्रोजेक्ट द्वारा 2009 में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक नाइजीरिया में 43 फीसदी मुसलमान आत्मघाती बम विस्फोट को सही मानते हैं। सर्वेक्षण में शामिल आधे से ज्यादा मुसलमानों ने आतंकी ओसामा बिन लादेन पर ‘विश्वास’ था।
इस्लामी कट्टरपंथियों ने नाइजीरिया में दो रास्ते अपनाए हैं- पहला, बोको हराम जैसे कट्टरपंथियों द्वारा चलाया गया मार काट का रास्ता। इसका मकसद गैर इस्लामी जनसंख्या को कम करना है। दूसरा, कानूनी और संवैधानिक रास्ता यानी शरिया कानून लागू करने की कोशिश करना। ऐसा उत्तरी राज्यों में हो रहा है।
1999 और 2002 के बीच, 12 उत्तरी नाइजीरियाई राज्यों में शरिया कानून लागू किया गया था। इसका असर इन राज्यों में दिखता है। नाइजीरिया की सरकार भले ही इससे इनकार करे, लेकिन इस्लामिक कट्टरवाद नाइजीरिया की हकीकत बन गई है और गैरमुस्लिमों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।







