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नहीं थम रही ममदानी की PM मोदी को लेकर घृणा, गुरुद्वारे में जाकर सिखों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश: जानें न्यूयॉर्क मेयर पद के उम्मीदवार का भारत विरोधी प्रोपेगेंडा

अमेरिका के न्यूयॉर्क में मेयर पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी का अब चुनावी एजेंडा सिर्फ भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर घृणा ही बनता जा रहा है। ममदानी जो कुछ दिनों पहले तक एक ‘आतंकी’ के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीर खिंचवा रहा था उसे अब मोदी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करती दिखने लगी है। इस्लामी कट्टरपंथी का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह गुरुद्वारे में जाकर भी मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगल रहा है।

ममदानी की सिखों को भड़काने की कोशिश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वीडियो शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) का है। गुरुद्वारे में जाकर मोदी विरोधी घृणा फैलाने को ममदानी की सिख समुदाय को भड़काने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इस वीडियो में ममदानी ने मौजूदा मेयर एरिक एडम्स को मोदी सरकार के विचारों का समर्थक बताते हुए उन पर भी हमला बोला है।

इस वायरल वीडियो में ममदानी कह रहा है कि वह एरिक एडम्स के खिलाफ इसलिए चुनाव लड़ रहा है क्योंकि यह शहर अब उन लोगों के लिए बहुत महँगा हो गया है जो इसे अपना घर कहते हैं। ममदानी ने आगे कहा, “मुझे पता है कि इस गुरुद्वारे में कई लोग इसी चिंता से जूझ रहे हैं कि किराया, पानी का बिल, बिजली, बच्चों की देखभाल और जिंदगी जीने के लिए दूसरी जरूरी जरूरतें कैसे पूरी करें।”

ममदानी ने मेयर पर हमला करते हुए आगे कहा, “इस मेयर (एडम्स) ने जिंदगी को और महँगा बनाने का हर मौका भुनाया है। साथ ही, हमारे समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा वाले प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के रवैये का समर्थन भी किया है।”

यह वीडियो X (पूर्व ट्विटर) पर तेजी से फैला, जहाँ पत्रकार शशांक मट्टू जैसे यूजर्स ने इसे शेयर किया। वीडियो वायरल होने के बाद, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ममदानी पर हमला बोला है। प्रियंका ने X पर लिखा, “हालाँकि यह हमारा काम नहीं है कि न्यूयॉर्क अपना मेयर किसे चुनता है लेकिन जोहरान यहाँ गुरुद्वारे में जो कह रहा है, वह बेहद खतरनाक है। उसकी स्क्रिप्ट कौन लिख रहा है? गुरपतवंत सिंह पन्नू?”

While none of our business who New York elects as their Mayor but what Zohran is saying here in the Gurudwara is extremely problematic.Who is writing his script? Gurpatwant Singh Pannun? https://t.co/UtDpr5JFjn— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) October 31, 2025

मोदी विरोध का रहा है ममदानी का इतिहास

ममदानी की पीएम मोदी को लेकर घृणा नई नहीं है, वो आए दिन ऐसे बयान देकर कट्टरपंथी जमात में अपनी जगह बनाने को कोशिश करता नजर आ रहा है। कुछ दिन पहले की ही बात है जब ममदानी ने कहा था कि पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी का यह नजरिया है कि देश में केवल कुछ खास तरह के भारतीयों के लिए ही जगह रह पाए। इसी वीडियो में ममदानी ने दावा किया था कि वह हमेशा पीएम मोदी का आलोचक रहा है।

SHOCKER 🚨 New York mayoral candidate Zohran Mamdani criticizes PM Modi 😳He said "I have ALWAYS been critical of Modi" 🤯"I grew up believing in an India that welcomes everyone but Modi and the BJP only have space for a select few" pic.twitter.com/5EIsClIird— News Algebra (@NewsAlgebraIND) October 22, 2025

अब ममदानी की बात सही भी है कि उसको पीएम मोदी का ओलचक होना की पड़ेगा क्योंकि ममदानी तो आंतिकयों को अपना आका मानता है। 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) बम धमाके का एक सह-साजिशकर्ता के साथ मुस्कराते हुए तस्वीर शेयर करते हुए उसे ‘इस्लाम का स्तंभ’ बताता है। दूसरी और पीएम मोदी हैं जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो ट़ॉलेंरस की नीति लेकर चलते हैं।

कुछ दिनों पहले एक मंदिर में जूते पहनकर घुसा ममदानी भारत में राम मंदिर के निर्माण से भी दुखी था। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ममदानी ने विवादित बयान दिया था। उसने इस ऐतिहासिक अवसर को ‘मस्जिद के विध्वंस का उत्सव’ और ‘उत्पीड़न का हथियार’ बताया था।

ममदानी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने यहाँ तक कहा था कि गुजरात से मुस्लिमों को मिटा दिया गया है, अब लोगों को लगता ही नहीं कि हम मौजूद हैं। ममदानी यहीं नहीं रुका, एक अन्य कार्यक्रम में उसने पीएम मोदी की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से करते हुए दोनों को ‘युद्ध अपराधी’ कहा था।

2023 में पीएम मोदी के न्यूयॉर्क दौरे से पहले ममदानी ने जेल में बंद छात्र दिल्ली दंगों के आरोपित उमर खालिद का पत्र पढ़ा था, जिसमें मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों के दमन का आरोप था। ममदानी के ऐसे दावों और बयानों की एक लंबी फेहरिस्त है।

खालिस्तानी तत्वों को उकसा रहा ममदानी?

गुरुद्वारे में जाकर पीएम मोदी और भारत विरोधी बयान देने को एक बड़ा वर्ग सिखों को भड़काने के साथ-साथ खालिस्तानी तत्वों को उकसाने की भी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका खालिस्तानी गतिविधियों के नए केंद्र के तौर पर उभरकर सामने आ रहा है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ अमेरिका की धरती से चलता है।

अमेरिका में खालिस्तानी तत्वों ने समय-समय पर भारत विरोधी बयान देने के साथ-साथ भारतीय कॉन्सुलेट तक को निशाना बनाया है। खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने मार्च 2023 में सैन फ्रांसिस्को के भारतीय कॉन्सुलेट पर हमला किया। उन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुँचाया, अधिकारियों पर पथराव किया और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इसके कुछ ही महीनों बाद जुलाई 2023 में वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने फिर हमला कर दिया और वहाँ आग लगाने तक की कोशिश की गई।

अमेरिका के कई शहरों में बीते वर्षों में हिंदू मंदिरों पर हमलों की घटनाएँ भी बढ़ी हैं। कैलिफॉर्निया से लेकर न्यूयॉर्क तक मंदिरों को तहस-नहस करने की साजिशे की गई। मंदिरों पर भारत विरोधी बयान लिखे गए और सितंबर 2024 में तो कैलिफॉर्निया में एक मंदिर पर लिखा गया कि ‘पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवादी हैं’। बीते अगस्त में भी इन्हीं खालिस्तान समर्थक तत्वों ने एक हिंदू मंदिर पर हमला बोल दिया था।

ममदानी के हालिया बयानों और गुरुद्वारे में दिए गए भाषण को केवल राजनीतिक रणनीति के तौर पर नहीं देखा जा सकता। यह एक सोची-समझी मुहिम का हिस्सा लगता है, जिसका उद्देश्य भारत विरोधी नैरेटिव को अमेरिकी राजनीति के मंच पर वैधता देना है।

जिस तरह से वह गुरुद्वारे में जाकर न केवल प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलता है बल्कि भारत की लोकतांत्रिक सरकार को ‘अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करने वाली’ बताता है, उससे साफ है कि ममदानी के पीछे केवल चुनावी महत्वाकांक्षा नहीं बल्कि एक वैचारिक विरोध भी काम कर रहा है।

ममदानी के बयानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल मोदी-विरोध की राजनीति नहीं कर रहा बल्कि भारत की एकता और अखंडता को निशाना बनाने वाली ताकतों के साथ वैचारिक रूप से खड़ा है। ऐसे में, सिख समुदाय और प्रवासी भारतीयों दोनों के लिए जरूरी है कि वे इस तरह की भड़काऊ राजनीति से दूर रहें और भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नुकसान पहुँचाने वाले प्रयासों का विरोध करें।

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