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फ्रांस में अल्जीरियाई आतंकी चिल्लाया ‘अल्लाहू अकबर’ और घोंपने लगा चाकू: 1 की मौत, कई पुलिसकर्मी घायल; गृहमंत्री बोले- यह इस्लामी आतंकवाद

फ्रांस के मुलहाउस शहर में शनिवार (22 फरवरी 2025) को प्रदर्शन के दौरान ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाते हुए एक व्यक्ति ने कई लोगों को चाकू मार दिया। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। हमले में 2 पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 3 मामूली रूप से घायल हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे ‘इस्लामी आतंकवादी हमला’ बताया है।

हमलावर पुलिस अधिकारियों को निशाना बना रहा था। इसी दौरान 69 वर्षीय पुर्तगाल का एक नागरिक पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए आगे आया, लेकिन हमलावर ने उसे चाकू घोंप दिया। इस हमले में उस व्यक्ति की मौत हो गई है। जिस समय घटना हुई, उस समय मुलहाउस शहर में कांगो के समर्थन में प्रदर्शन हो रहा था। इस प्रदर्शन में यह इस्लामी हमलावर भी शामिल हुआ था।

फ्रांस के आतंकवादी निरोधी प्रॉसिक्यूटर निकोलस हेट्ज़ ने बताया है कि हमले में एक अधिकारी की गर्दन की धमनी (कैरोटिड आर्टरी) कट गई है। वहीं, दूसरे दूसरे की छाती (थोरैक्स) में गंभीर चोट आई है। इसके अलावा, तीन अधिकारियों को मामूली चोट आई है। हमले के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और उस इस्लामी आतंकी को काबू में कर लिया।

मुलहाउस शहर की मेयर मिशेल लुट्ज़ ने शनिवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर कहा, “हमारे शहर में आतंक की स्थिति है। एक व्यक्ति ने नहर के बाजार में राहगीरों पर चाकू से हमला किया, उसे रोकने के लिए हस्तक्षेप करने वाले कई नगरपालिका पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए हैं।” इस मामले की जाँच आतंकवाद निरोधी एजेंसी PNAT कर रही है।

पुलिस ने 37 साल के हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। वह अल्जीरिया का रहने वाला है। हमलावर पहले से ही फ्रांस के आतंकवादी निगरानी सूची (FSPRT) में शामिल था। वह न्यायिक निगरानी और हाउस अरेस्ट था। निगरानी के लिए संदिग्ध इस्लामी आतंकियों की यह सूची साल 2015 में शार्ली एब्दो कार्यालय और यहूदी सुपरमार्केट में हुए आतंकी हमलों के बाद बनाई गई थी।

फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने कहना है कि इस हमलावर को पहले आतंकवादी कृत्य या समूह समर्थन करने के अपराध का दोषी ठहराया जा चुका है। रिटेलो ने कहा कि उसे अल्जीरिया निर्वासित किया जा रहा था, लेकिन उसके देश ने ही उसे स्वीकार करने से अब तक 10 बार इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह इस्लामी आतंकवाद है और इसकी वजह आप्रवासी की समस्या है।

इस हमले के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “हमारी सरकार फ्रांस की धरती पर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।” उन्होंने इस हमले में मारे गए और घायल व्यक्तियों को प्रति संवेदना प्रकट की। मैक्रों ने कहा कि पूरा फ्रांस हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है।

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