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जितनी पूरे अमेरिका की आबादी, उससे दो गुना ज्यादा लोगों ने 45 दिन में ही प्रयागराज महाकुंभ में लगा ली डुबकी: समापन पर खुद CM योगी ने की संगम की सफाई, त्रिवेणी की पूजा-अर्चना

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आज गुरुवार (27 फरवरी 2025) को आधिकारिक रूप से समापन हो गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान पूजा-अर्चना की। दुनिया का सबसे बड़ा यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक 45 दिन चला। इस दौरान 50 लाख से अधिक विदेशी सहित 66.21 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर स्नान किया। यह अमेरिका की जनसंख्या से दोगुना है।

महाकुंभ के आखिरी दिन महाशिवरात्रि को 1.44 करोड़ लोगों ने स्नान किया। वहीं, एक दिन में सबसे अधिक रिकॉर्ड 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या को स्नान किया था। गुरुवार को योगी आदित्यनाथ त्रिवेणी तट पर अपने दोनों उपमुख्यमंत्रियों- केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक एवं अन्य मंत्रियों के साथ वैदिक रीति-रिवाज से माँ गंगा, यमुना और सरस्वती का पूजा-पाठ किया। इस दौरान उन्होंने पक्षियों को दाना भी खिलाया।

तीर्थराज प्रयागराज में माँ गंगा की पूजा-अर्चना… https://t.co/ehZSbuJAy9— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 27, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस भव्य एवं दिव्य महाकुंभ के सफल समापन पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूँ कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य हो, यहाँ ना कोई शासक था और ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।”

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “सनातन संस्कृति की दिव्य आभा से दीप्त इस विराट आयोजन ने सबसे ज्यादा लोगों द्वारा एक साथ नदी की सफाई करने, सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं द्वारा एक साथ एक जगह पर सफाई करने तथा 8 घंटे में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा हैंड प्रिंट पेंटिंग करने का कीर्तिमान ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में स्थापित कर एक नया इतिहास रचा है।”

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, “महाकुम्भ में जनसहभागिता और स्वच्छता एवं कला के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक प्रयासों को रेखांकित करती यह उपलब्धियां स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का दीर्घकालिक प्रतीक बनकर हम सभी को निरंतर प्रेरणा प्रदान करती रहेंगी। ‘एकता के महाकुम्भ’ को ‘रिकॉर्ड का महाकुम्भ’ बनाने वाले सभी कार्मिकों एवं महानुभावों का हार्दिक अभिनंदन!”

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के यशस्वी मार्गदर्शन में संपन्न महाकुम्भ-2025, प्रयागराज का आयोजन भारतीय परंपराओं की गौरव गाथा को विश्वपटल पर नए आयाम प्रदान कर रहा है।सनातन संस्कृति की दिव्य आभा से दीप्त इस विराट आयोजन ने सबसे ज्यादा लोगों द्वारा एक साथ नदी की सफाई… pic.twitter.com/IOr4036xb5— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 27, 2025

महाकुंभ समापन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाईकर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने गंगा तट पर झाड़ू लगाकर और गंगा से कूड़ा-कचड़ा निकालकर साफ-सफाई भी की। इसके बाद उनके साथ सहभोज किया। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल के साथी भी मौजूद रहे। इसके साथ ही राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ से जुड़े स्वच्छता कर्मियों को 10,000 रुपए का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश के स्वच्छता कर्मियों को भी बड़ा उपहार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन स्वच्छता कर्मियों को 8 से 11 हजार रुपए महीना मिलते थे, उन्हें अप्रैल से कम-से-कम 16,000 मिलेंगे। इसके साथ ही उन्हें आयुष्मान योजना से भी जोड़ा जाएगा।

आज प्रयागराज में स्वच्छता कर्मियों के साथ सहभोज कार्यक्रम में सहभाग किया।स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित महाकुम्भ-2025 हमारे स्वच्छता दूतों की अविराम श्रम साधना एवं प्रतिबद्धता का जीवंत प्रतीक है।दिव्य और भव्य महाकुम्भ की संकल्पना को साकार करने में सहभागी सभी कर्तव्यनिष्ठ स्वच्छता… pic.twitter.com/HPZvLTc7Ra— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 27, 2025

इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने कड़ी मेहनत की थी। लगभग 4,000 हेक्टेयर (15,947 बीघा) में था फैला हुआ था। व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर बाँटा गया था। इसके लिए अस्पताल, विश्राम गृह, शौचालय, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई थी। लगभग 13 किलोमीटर के क्षेत्र में 10 पक्के घाट सहित कुल 42 घाट बनाए गए थे।

सुरक्षा के लिए 50,000 से अधिकार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। मेला क्षेत्र में 56 थाने और 144 चौकियाँ बनाई गई थीं। इसके अलावा 2 साइबर थाने भी बनाए गए थे। सुरक्षा को देखते हुए कमांडो, फायर ब्रिगेड, गोताखोर, जल पुलिस, नाव आदि की भी व्यवस्था की गई थी। गंगा और यमुना नदी को पार करने के लिए 30 पांटून पुल तैयार किए गए थे।

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