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महिला के गाल पर नोट चिपकाया, कहा- रोज लेते हैं चुम्मा, गाया- पानी में बुनका बुनकै छै… नीतीश के MLA गोपाल मंडल के लिए सब माफ, पर होली में बहके बिहारी तो बिहार पुलिस कर देगी डंडा

पूरे देश में फगुआ की बयार चल रही है, लेकिन बिहार के सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के विधायक गोपाल मंडल पर इसकी खुमारी कुछ ज्यादा ही है। गोपाल मंडल ने होली मिलन समारोह में माइक लेकर ऐसा जोगीरा गा दिया कि लोगों को त्योहार का नशा ही उतर गया। इसके बाद तो उन्होंने सफाई में ऐसा बयान दे दिया कि राजनीतिक गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक में उनकी थू-थू होने लगी।

भागलपुर के गोपालपुर से विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का होली मिलन दौरान के वीडियो वायरल हो रहे हैं। दरअसल, नवगछिया हाईस्कूल में 10 मार्च को एनडीए के होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान लोक गायक छैला बिहारी को बुलाया गया था। छैला बिहारी फागुन के माहौल को देखकर गानों से लोगों को सराबोर कर रहे थे।

इसी दौरान गोपाल मंडल स्टेज के पास आए और उस पर चढ़ गए। छैला बिहारी फाग ‘पानी में बुनका बुनकेय छेय भौजी…’ नाम का फाग गा रहे थे। उस दौरान गोपाल मंडल अपनी कमर लचका कर नाचने लगे। इस दौरान आए लोगों ने जमकर सीटियाँ बजाईं तो वे पूरे जोश में आ गए और छैला बिहारी से माइक लेकर जोगीरा गाने लगे। यह जोगीर पूरी तरह अश्लील था। वहाँ मंच महिलाएँ भी थीं।

होली में हमारे यहां के विधायक जी … #Bihar #HappyHoli pic.twitter.com/iVs2Ap4Qj8— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) March 11, 2025

गोपाल मंडल ने गाया, “भौजी च$$$$ ले भसुरा से….।” इस अश्लील जोगीरा सुनकर मंच में मौजूद महिला डांसर शर्म से पानी-पानी हो गईं। वहीं, पुरुष भी शर्मा गए और उनके समर्थक हँस-हँस कर उनका जोश बढ़ाने लगे। वहीं, एक वीडियो में दिख रहा है कि महिला डांसर स्टेज पर होली गाने पर डांस कर होती है। उसके बाद गोपाल मंडल उसका हाथ पकड़कर कमर हिलाने लगते हैं।

इसके बाद उसके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखकर जोश में नाचते हैं। इससे पहले जोश में आए गोपाल मंडल का एक महिला डांसर को नोट देने के बजाय उसके गाल पर नोट चिपकाते नजर आए। मीडिया रिपोर्ट में चुम्मा लेने की बात भी सामने आ रही है। जोगारी गाकर और नाचकर मन नहीं भरा तो गोपाल मंडल ने मस्ती में चूर होकर कह दिया, “हम रोज डांस करते हैं और रोज चुम्मा लेते हैं।”

गोपाल मंडल स्टेज पर अपनी नेतागिरी की झलकियाँ पेश कर रहे थे और लोग अपने फोन के कैमरे में इसे कैद कर रहे थे। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने उसकी जमकर खिंचाई करनी शुरू कर दी। राजनीतिक गलियारे में भी उनके व्यवहार को लेकर सवाल उठने लगे। उन पर बिहार के साथ-साथ राजनीतिक मर्यादा को भी तार-तार करने के आरोप लगने लगे, लेकिन मंडल को फर्क नहीं पड़ा।

अपना बचाव करते हुए गोपाल मंडल ने कहा, “मैं एक कलाकार हूँ। नेता के साथ-साथ अभिनेता भी हूँ। मैं रोज चुम्मा लेता हूँ। बच्ची को आगे बढ़ाने के लिए चुम्मा ले लिया तो क्या हुआ? हम चुम्मा लेते रहते हैं। कभी इसको तो कभी उसको। मैंने बच्ची को चुम्मा दिया और उसका उत्साह बढ़ाया है।” उन्होंने कहा कि जिसको जितना वीडियो वायरल करना है, कर दे। उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

गोपाल मंडल के पुराने करनामे

नाचने और अश्लीलता फैलाने का गोपाल मंडल पर आरोप बहुत पुराना है। तीन साल पहले भी उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे डांसर के साथ ‘दिलबर-दिलबर’ और ‘बुलेट पर जीजा’ गाने पर नाच करते हुए दिखे थे। भोजपुरी गाने पर डांसर को नाच करते देख वे अपने आपको रोक नहीं सके और कुर्ता उठाकर नाचने लगे थे। वे बार-बालाओं का हाथ पकड़कर और उन्हें फ्लाइंग किस देकर डांस करते रहे।

वे वही गोपाल मंडल हैं, जो साल 2021 में एक ट्रेन की बोगी में चड्डी और गंजी पहनकर टहलते नजर आए थे। विरोधियों ने आरोप लगाया था कि वे नशे में चूर होकर बदतमीजी कर रहे थे, जबकि गोपाल मंडल का कहना था कि उनका पेट खराब था, इसलिए वे बाथरूम की ओर जल्दी से भाग रहे थे। इसको लेकर एक शख्स ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।

गोपाल मंडल पर आरोप लगा था कि चलती ट्रेन में उनकी इस हरकत पर आपत्ति जताने वाले एक यात्री से उन्‍होंने गाली-गलौज भी की थी। हालात बिगड़ने पर RPF को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था। यात्रियों के साथ इस दौरान धक्‍का-मुक्‍की भी की थी। बाद में विधायक ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उनका पेट खराब था और जल्‍दबाजी में शौचालय जाने के दौरान वे तौलिया नहीं लपेट सके। 

गोपाल मंडल नाच-गान में ही नहीं, रंगबाजी में भी अव्वल हैं। अक्टूबर 2023 में वे अस्पताल में रिवॉल्वर लेकर घूमते नजर आए थे। इसको लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा था, “अरे पिस्तौल तो अभियो है मेरे पास। दिखावे। दिखावे पिस्टल… क्या कहना चाहते हो… रखते हैं पिस्टल… तुम लोग हमारे बाप हो?… भक्क साला, भागो।” गोपाल मंडल के ऐसे कई कारनामे हैं।

अश्लील गानों को लेकर बिहार पुलिस का निर्देश

जदयू विधायक गोपाल मंडल का स्टेज से खुलेआम अश्लील जोगीरा गाना, हाल में जारी किए गए निर्देश की धज्जियाँ उड़ाने वाला है। दरअसल 4 मार्च को बिहार पुलिस मुख्यालय ने द्विअर्थी या अश्लील भोजपुरी गानों को सार्वजनिक रूप से बजाने पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। अश्लील गाना बजाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश सभी क्षेत्रीय IG और DIG को दिया गया है।

पुलिस मुख्यालय ने अपने आदेश में कहा था कि आमतौर पर ये देखने में आता है कि सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक या निजी समारोहों में और बस, ट्रक, वैन, ऑटो रिक्शा आदि वाहनों में दोहरे अर्थ वाले अश्लील भोजपुरी गानों को धड़ल्ले से बजाया जाता है। इसका समाज पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे छोटे-छोटे बच्चे गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित होते हैं।

ऐसे अश्लील गानों का सबसे अधिक प्रभाव महिला पर पड़ता है। उनका सार्वजनिक स्थानों पर चलना मुश्किल हो जाता है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से आगे कहा गया था कि इस तरह के गीतों को बजाने से महिलाओं की सुरक्षा एवं गरिमा प्रभावित होती है। महिलाएँ लज्जा के साथ-साथ असुरक्षा महसूस करती हैं। इसलिए विशेष अभियान चलाकर ऐसे गाने रोके जाएँ।

इस तरह का बिहार पुलिस की ओर से निर्देश जारी होने के दो दिन बाद ही सत्ताधारी पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने स्टेज पर चढ़कर ना सिर्फ अश्लील गाने गाए, बल्कि अश्लील हरकत की। जिस दौरान गोपाल मंडल ने ऐसी हरकत की, उस समय वहाँ महिलाएँ एवं बुजुर्ग भी शामिल थे। इतना ही नहीं, बच्चे भी थे। अब विपक्षी दल गोपाल मंडल पर कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।

गोपाल मंडल पर होगी कार्रवाई?

गोपाल मंडल जिस समय स्टेज से अश्लील गाने गा रहे थे, उस समय वहाँ एनडीए के जिला स्तर के तमाम महिला-पुरुष नेता मौजूद थे। हालाँकि, किसी ने गोपाल मंडल के इस कारनामे का विरोध नहीं किया। बिहार अश्लील गाने के लेकर पूरे देश में बदनाम है। हालाँकि, अश्लील एवं द्विअर्थी गाने बॉलीवुड से लेकर तमाम फिल्म इंडस्ट्री में बजते हैं, लेकिन भोजपुरी विशेष रूप से बदनाम है।

ऐसे में जब गोपाल मंडल स्टेज से द्विअर्थी और अश्लीलता की सीमा को पार करते हुए पूरी नग्नता पर उतर कर जोगीरा गाया है, तो क्या बिहार पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया तक पर बिहार से लेकर पूरे देश के लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि, चलती ट्रेन में चड्ढी गंजी पहनकर गाली-गलौज करने पर भी उनके खिलाफ FIR हुई, लेकिन आगे क्या हुआ किसी को पता नहींं।

सोशल मीडिया पर कुछ राष्ट्रवादी एवं दक्षिणपंथी समूह के लोग सवाल ये भी उठा रहे हैं कि होली से दो दिन पहले बिहार पुलिस द्विअर्थी एवं अश्लीलता के नाम पर डीजे एवं वाहनों में भोजपुरी गीतों को क्यों रोक रही है? अगर सरकार/पुलिस को अश्लीलता के खिलाफ कार्रवाई करनी ही थी तो होली से बहुत पहले या होली के कुछ दिन बाद भी ये निर्देश दिए जा सकते थे।

सोशल मीडिया के लोगों का कहना है कि दरअसल होली में डीजे पर गाने को रोकने के लिए बिहार पुलिस इस तरह का आदेश जारी की है, जो कि जदयू की मुस्लिम राजनीति से मेल खाती है। कुछ लोगों का यह भी सवाल है कि होली के दौरान बजने वाले गानों को द्विअर्थी कैसे निर्धारित किया जाएगा? उसके लिए बिहार पुलिस क्या मानदंड अपनाएगी, इसको लेकर स्पष्टता नहीं है।

साफ है कि ये पुलिस कर्मी पर निर्भर करेगा कि कौन सा गाना उसे द्विअर्थी या अश्लील लगता है और कौन सही। खैर, जो भी हो अश्लीलता के खिलाफ बिहार सरकार एवं पुलिस का यह कार्य बेहद प्रशंसनीय है, लेकिन लागू करे के समय को लेकर लोगों के मन में आशंका है। वहीं, गोपाल मंडल जैसे विधायक खुले मंच से अश्लील जोगीरा गाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करके बिहार पुलिस संदेश दे सकती है कि ये आदेश आम लोगों के लागू किया गया है, ना कि किसी राजनीतिक लाभ को देखते हुए।

बिहार पुलिस को यह भी चाहिए कि गाने को बजाने वालों पर कार्रवाई करने के बजाए गानों को लिखने वाले, उसे गाने वाले और उसे रिकॉर्ड करने वाले स्टूडियो के खिलाफ कार्रवाई करे, ताकि बिहार में महिलाओं की गरिमा को सुरक्षित किया जा सके। इससे बिहार पुलिस को अपने संसाधनों का कम-से-कम उपयोग करना पड़ेगा और द्विअर्थी एवं अश्लील गानों पर आसानी से अंकुश भी लग जाएगा।

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