
*मां मानवता के लिए प्रकृति का अनुपम उपहार: डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी*
*प्रेम, त्याग और ममता की मूर्ति होती हैं मां: राकेश चतुर्वेदी*
*मां जिम्मेदारी का सबसे सशक्त स्वरूप हैं: सविता चतुर्वेदी
*संतकबीरनगर* खलीलाबाद स्थित सूर्या सीनियर सेकेंड्री स्कूल के प्रांगण में रविवार को मातृ दिवस की भव्य और भावनात्मक प्रस्तुतियों के बीच मां के प्रति नमन का अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने अपनी संगीतमय, सांस्कृतिक और सजीव प्रस्तुतियों से उपस्थित माताओं के मन को छू लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ “चतुर्वेदी विला” की मुखिया चंद्रावती देवी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस दौरान सूर्या ग्रुप के चेयरमैन डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी, एसआर इंटरनेशनल एकेडमी के एमडी राकेश चतुर्वेदी, सूर्या की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सविता चतुर्वेदी, राजन इंटरनेशनल एकेडमी बस्ती की एमडी शिखा चतुर्वेदी, तथा जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव उपस्थित रहे।
नौनिहालों की प्रस्तुतियों ने दिल जीता
मंच से बच्चों ने मां की ममता, स्नेह और त्याग को समर्पित कविताएं, गीत और नाट्य प्रस्तुतियां दीं, जिसने वहां उपस्थित हर व्यक्ति को भावविभोर कर दिया।
मां का महत्व अनंत: वक्ताओं के विचार
सूर्या ग्रुप के चेयरमैन डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा, “मां का स्थान सृष्टि में ईश्वर से कम नहीं है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन देती है, उसी प्रकार मां भी सृजन और पोषण की आधारशिला है।”
एसआर इंटरनेशनल एकेडमी के एमडी राकेश चतुर्वेदी ने कहा, “मां सच्चे प्रेम, निःस्वार्थ सेवा और अटूट त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। मां की ममता से वंचित जीवन अधूरा सा रह जाता है।”
सूर्या की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सविता चतुर्वेदी ने कहा, “मां केवल वात्सल्य नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और मार्गदर्शन की प्रतीक होती हैं। यदि मां बच्चों की सच्ची मित्र बन जाए, तो उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित हो जाता है।”
सम्मान और आभार का पल
इस अवसर पर चंद्रावती देवी को फूल-मालाओं से सम्मानित कर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन उप प्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी ने किया, जबकि प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त किया और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि उनके बच्चों के सर्वांगीण विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का गौरव
इस आयोजन में जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव, मायाराम पाठक, नितेश द्विवेदी, त्रिपुरारी त्रिपाठी, रविंद्र यादव, अशोक चौबे, आरती चौधरी, अर्चना सिंह, आशुतोष पांडेय समेत कई गणमान्य जन मौजूद रहे।
निष्कर्ष
यह आयोजन न सिर्फ मां के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि समाज में पारिवारिक मूल्यों और भावनात्मक जुड़ाव को भी मजबूती प्रदान करता है। सूर्या स्कूल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम निश्चित ही आने वाले वर्षों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरेगा।