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अन्ना यूनिवर्सिटी की छात्रा से रेप के दोषी को 30 साल की सजा, कोर्ट ने ₹90 हजार का जुर्माना भी ठोंका: बिरयानी बेचता था ‘रेपिस्ट’ ज्ञानसेकरन, DMK के नेताओं के साथ थी फोटो

चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में 19 वर्ष की एक छात्रा से रेप करने के आरोपित ज्ञानसेकरन को 30 वर्ष की सजा सुनाई गई है। उसके ऊपर ₹90 हजार का जुर्माना भी ठोंका गया है। ज्ञानसेकरन ने इस छात्रा की अश्लील वीडियो भी बनाई थी। विपक्षी दलों न आरोप लगाए थे कि ज्ञानसेकरन के DMK नेताओं से लिंक हैं।

चेन्नई की एक कोर्ट ने यह सजा सोमवार (2 जून, 2025) को सुनाई है। दोषी ज्ञानसेकरन को 30 वर्ष बिना किसी माफ़ी के जेल दी गई है। ज्ञानसेकरन के खिलाफ लगाए गए सभी 11 आरोप सिद्ध हो गए थे। इन सभी मामलों में उसे सजा दी गई है।

ज्ञानसेकरन के वकील ने कहा है कि वह इस मामले में इस अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएँगे। इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई 6 महीने में पूरी की है और सजा दी है। अन्ना यूनिवर्सिटी में हुए इस रेप मामले में राज्य की DMK सरकार की काफी फजीहत हुई थी।

#WATCH | Tamil Nadu | On Chennai Mahila court sentencing accused A Gnanasekaran to life imprisonment for at least 30 years and a fine of Rs 90,000 in Anna University rape case, accused advocate BR Jayaprakash Narayanan says, "The court has found Gnanasekaran the accused in Anna… https://t.co/PvtgMvFM1S pic.twitter.com/EMjahztLDy— ANI (@ANI) June 2, 2025

इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप भी पुलिस पर लगा था। आरोपित ज्ञानसेकरन के भी DMK नेताओं से लिंक के आरोप भाजपा समेत विपक्ष ने लगाए थे। इसको लेकर राज्य भर में प्रदर्शन हुए थे। मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस समेत बाकी अधिकारीयों को लताड़ा था।

क्या था मामला?

अन्ना यूनिवर्सिटी में 23 दिसम्बर, 2024 को यह घटना हुई थी। यूनिवर्सिटी के भीतर ही इंजीनियरिंग की एक 19 वर्षीय छात्रा से ठेले वाले ज्ञानसेकरन ने रेप किया था। पीड़िता एक जगह अपने एक दोस्त से मिलने गई थी। इसी बीच ज्ञानसेकरन ने उसका एक वीडियो बना लिया।

इसके बाद वीडियो के आधार पर उसने लड़की को धमकाया और उसके साथ मौजूद दोस्त को भी मारपीट कर भगा दिया। इसके बाद लड़की के साथ रेप किया और फोन नम्बर लेकर कहा कि जब जहाँ बुलाए वहाँ वह लड़की आ जाए। लड़की ने जब इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई तब यह मामला खुला।

ज्ञानशेखरन ने 2011 में एक ऐसी ही घटना को अंजाम दिया था। उस पर 15 मामले दर्ज हैं। भाजपा को आरोप है कि ज्ञानशेखरन कार्रवाई से इसलिए बचता रहा क्योंकि उसे DMK का वरदहस्त प्राप्त था।

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