10 साल की एंटी इनकंबेंसी, दारू घोटाला-शीशमहल के दाग, बिखरा संगठन… मतदान से पहले AAP को डरा रही दिल्ली, घर-घर जाकर BJP ने पाटी खाई
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार (5 फरवरी 2025) को मतदान होना है। दिल्ली इस दिन अपने अगले पाँच वर्ष का भविष्य तय कर देगी। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इस…
दिल्ली की 55% आबादी AAP सरकार के कामकाज से नाराज, मतदान से पहले C वोटर के नंबर्स बता रहे मतदाताओं का मिजाज: जानिए कौन से 5 फैक्टर तय करेंगे अंतिम नतीजे, कॉन्ग्रेस के लिए उम्मीदें कितनी?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के 5 फरवरी, 2025 को मतदान होना है। नतीजे 8 फरवरी को आने वाले हैं। मतदान से पहले सारी पार्टियों ने पूरा जोर लगा दिया है कि…
पुरुष भी होते हैं क्रूरता के शिकार… दिल्ली HC का ये सिर्फ फैसला नहीं, बल्कि आंदोलन की शुरुआत: समाज भी बदले अब सोच, मर्दों के अधिकारों पर हो बात
दिल्ली HC ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि पुरुष भी महिलाओं की तरह क्रूरता और हिंसा से समान सुरक्षा के हकदार हैं। यह फैसला उन…
बिहार चुनाव से पहले जाति के जिस गुब्बारे को फूला रहे थे तेजस्वी यादव, उसमें राहुल गाँधी ने ही कर दिया भूर: कॉन्ग्रेस नेता ने किया सेल्फ गोल या लालटेन की लौ हुई कम?
कॉन्ग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गाँधी शनिवार (18 जनवरी 2025) को एकदिवसीय दौरे पर बिहार की राजधानी पहुँचे। यहाँ उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा…
‘पूजा करो तो मातृभूमि की, सेवा करो तो देशवासियों की’: शिकागो से 4 साल बाद लौट स्वामी विवेकानंद ने भावुक होकर माँगी थी ‘धरती माँ’ से माफी, भारत को बताया था- तीर्थस्थान
इंग्लैंड से विदा लेने से पूर्व एक अंग्रेज मित्र ने उनसे पूछा, “स्वामी जी, चार वर्षों तक विलासिता, चकाचौंध तथा शक्ति से परिपूर्ण इस पश्चिमी जगत का अनुभव लेने के…
मेरा नाम अजीत झा है, शहजाद पूनावाला ने मुझे नहीं कहा ‘Jha2’; आपको कहा तो AAP के ऋतुराज का पकड़िए गला
दिल्ली में सड़कों की हालत खस्ता है। पीने का पानी लोगों को नहीं मिल रहा है। बिजली का संकट अलग है। कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा का चुनाव BSP (बिजली+सड़क+पानी) के…
माना आपकी तरह ‘एलीट’ नहीं था मुकेश चंद्राकर, पर जिसे तड़पा-तड़पाकर मारा गया वह भी पत्रकार ही था… कॉन्ग्रेस की ‘चाटुकारिता’ में अपने ही पेशे का दर्द भूल गए राजदीप सरदेसाई
राजदीप सरदेसाई कौन हैं? पत्रकार। मुकेश चंद्राकर कौन था? पत्रकार। पेशा एक ही होने के बावजूद यह माना जा सकता है कि राजदीप की तरह मुकेश ‘एलीट’ नहीं थे। वे…
नागनाथ और साँपनाथ की राजनीति के बीच प्रशांत किशोर BPSC आंदोलन से कितना उठा पाएँगे लाभ?: जिस बिहार की राजनीति में ‘जाति’ ही प्रमुख मुद्दा, वहाँ चुनावी रणनीतिकार से नेता बने PK की राहें नहीं आसान
बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन कुछ समय से चल रहा है। छात्रों का प्रदर्शन हो और उसमें राजनीतिक दल शामिल हो जाएँ, तो इसे बड़ी ताकत…
धार्मिक विवादों की समय से सुनवाई के लिए जरूरी है रिलीजियस ट्रिब्यूनल: कोर्ट और सरकार को अब इस दिशा में सोचने की क्यों है जरूरत, जानिए
धर्म की रक्षा में न्याय का आधार ही समाज को एकता और शांति प्रदान करता है। सरकार को धार्मिक स्थलों से संबंधित विवादों के समाधान के लिए एक अलग ट्रिब्यूनल…
मनमोहन सिंह के समय ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ = मंत्री बनाने-हटाने वाले + मुफ्त विदेश यात्रा करने वाले एलीट पत्रकारों का इकोसिस्टम: जनता से संवाद का वो स्वर्णकाल नहीं था लुटियन ठेकेदारों
पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह नहीं रहे। ईश्वर उनकी आत्मा को सद्गति दें। उनके जाने के बाद कमोबेश हर तबका उन्हें अच्छे शब्दों में याद कर रहा है, जो डॉक्टर…