
बहराइच। जिले की हल्दी देश के विभिन्न हिस्सों में बिकने के लिए तैयार है। इसके लिए मिहींपुरवा के तीन एफपीओ से जुड़ी 975 महिला किसान समेत 1860 किसानों का ओएमयू पतंजलि आयुर्वेद से हो चुका है। अब ओएमयू के अनुसार महिलाओं ने हल्दी को प्रोसेस कर पाउडर के रूप में उत्पाद तैयार कर दिया है। जल्द ही यह उत्पाद बाजार में उतरेगा।
कृषि कृषकों की आय का अच्छा स्रोत बने। इसके लिए सरकार ने एफपीओ से कुछ बड़ी कंपनियों को जोड़ा था। उस समय बहराइच में पतंजलि आयुर्वेद ने मिहीपुरवा के वीरांगना लक्ष्मी बाई महिला किसान निर्यात कंपनी, प्रत्यूस बायोएनर्जी प्रोड्यूसर कंपनी एवं सीएससी राज किसान उत्पाद कंपनी के साथ ओएमयू किया था। इसी के बाद एफपीओ के साथ जुडे 1860 किसानों ने हल्दी का उत्पाद शुरू किया था। इसमें 975 महिलाएं पूरे उत्पाद को प्रोसेस करने के लिए आगे आई थी। अब कई टन हल्दी का पाउडर बन कर तैयार है। जिसे जल्द ही देश के विभिन्न बाजारों में पतंजलि के सहयोग से उतारा जाएगा ।
बीस से तीस रुपये प्रति किलो महिला किसानों को होगा फायदा
हल्दी उगाने वाले किसानों अपना उत्पाद 18 से बीस रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। अभी तक आगे का प्रोसेस करने के लिए हल्दी को बाहर भेजा जाता था। अब यहीं पर प्रोसेस करने के लिए इसमें शामिल महिला किसानों को भी बीस से तीस रुपये प्रति किलो का मुनाफा होगा। -शिशिर वर्मा उप कृषि निदेशक