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मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष तो बनाया, पर पार्टी बैठक में ही कुर्सी दिया किनारे: BJP ने शेयर किया सोनिया-राहुल गाँधी के सोफे वाला Video, कहा- दलित विरोधी है कॉन्ग्रेस

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कॉन्ग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। दरअसल, मंगलवार (8 अप्रैल 2025) की शाम अहमदाबाद में कॉन्ग्रेस की कार्यसमिति की बैठक के दौरान का एक वीडियो सामने आया, जिसमें साबरमती आश्रम में हुई प्रार्थना सभा में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को किनारे बैठा दिया गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी बड़े आराम से बीच में सोफे पर बैठे हैं, वहीं खड़गे को किनारे पर एक अलग कुर्सी थमा दी गई। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कॉन्ग्रेस पर जमकर हमला बोला।

भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “पहले खड़गे जी का सम्मान करना सीखो। वह कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी कुर्सी किनारे पर लगाने का क्या मतलब था? यह साफ़ दर्शाता है कि कॉन्ग्रेस दलित विरोधी है।”

पहले खड़गे जी का सम्मान करना सीखो। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी कुर्सी किनारे पर लगाने का क्या मतलब था? यह साफ़ दर्शाता है कि कांग्रेस दलित विरोधी है। https://t.co/cPtZUJXUFB pic.twitter.com/6u4kZYxcsN— Amit Malviya (@amitmalviya) April 9, 2025

सचमुच, ये घटना कॉन्ग्रेस के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गई। दलित समाज से आने वाले और मौजूदा समय में पार्टी के सबसे बड़े नेता यानी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ऐसा व्यवहार देखकर कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी फैल रही है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर कॉन्ग्रेस अपने अध्यक्ष को ही सम्मान नहीं दे सकती, तो दलित समाज के लिए क्या उम्मीद रखेगी?

वहीं, कॉन्ग्रेस इस मुद्दे पर सफाई देने में जुट गई, लेकिन उसका बचाव कमजोर नजर आ रहा है। दूसरी तरफ, राहुल गाँधी भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते नहीं थकते। उन्होंने हाल ही में कहा, “बीजेपी संविधान और दलितों पर हमला कर रही है।” मगर अब उनका ये बयान खुद उनकी पार्टी पर भारी पड़ रहा है। खरगे के साथ हुए इस अपमान ने कॉन्ग्रेस की दोहरी नीति को उजागर कर दिया। एक ओर वो दलितों के हितैषी होने का दावा करती है, दूसरी ओर अपने ही नेता को किनारे कर देती है।

ये पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस पर ऐसा आरोप लगा हो। पहले भी प्रियंका गाँधी वाड्रा के नामांकन के दौरान खड़गे को बाहर खड़ा रहना पड़ा था। तब भी भाजपा ने कहा था कि कॉन्ग्रेस में दलितों की कोई इज्जत नहीं। अब साबरमती आश्रम का ये वाकया कॉन्ग्रेस के लिए और मुश्किल खड़ी कर रहा है। जनता के बीच संदेश जा रहा है कि कॉन्ग्रेस सिर्फ वोट की राजनीति करती है, सम्मान देने की बात हो तो पीछे हट जाती है।

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