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साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति को ट्रम्प ने किया जलील, व्हाइट हाउस में फोटो-वीडियो दिखा उठाया ‘श्वेत नरसंहार’ का मुद्दा:मौत-मौत चिल्लाए, रामाफोसा बोले- जाँच करवाऊँगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा पर श्वेत नरसंहार का आरोप लगाया है। व्हाइट हाउस में ट्रंप और रामफोसा के बीच नोंकझोंक भी हुई। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा संबंधो को सुधारने के लिए किया गया था।

शुरुआत में तो दोनों राष्ट्रपति काफी दोस्ताना माहौल में बातचीत करते दिखे। लेकिन, खत्म होते-होते दोनों के बीच तनाव पैदा हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक श्वेत नरसंहार का मुद्दा उठाते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पर आरोप लगाना शुरू कर दिया।

WOW! President Trump just halted the meeting with the South African President to show videos of prominent South African politicians calling for genocide against white South Africans.Ramaphosa looked embarrassed. pic.twitter.com/ZopuIeFlHM— George (@BehizyTweets) May 21, 2025

राष्ट्रपति ट्रंप ने वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों को मारा जा रहा है। शुरुआत में राष्ट्रपति रामफोसा शांत रहे लेकिन फिर वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल किया। उन्होने कहा कि वो इसकी जाँच करेंगे। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप शांत नहीं हुए उन्होने कई रिपोर्ट की प्रतियाँ दिखाई। इनमें श्वेत नागरिकों की हत्या का जिक्र था। इस पर ट्रंप जोर- जोर से कहने लगे “मौत..मौत..” और फिर पेज पलटते हुए मारे गए श्वेत किसानों के फोटो की ओर इशारा करते हुए कहा- “ये दफन स्थल है।”

वीडियो में सफ़ेद क्रॉस दिखाए गए, जिसके बारे में ट्रम्प ने दावा किया कि ये श्वेत लोगों की कब्रें हैं। ट्रंप ने अफ्रीकी राष्ट्रपति से कहा कि विपक्षी नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। उन्होंने विपक्षी नेता जूलियस मालेमा को गिरफ़्तार किए जाने की माँग भी की।

यह वीडियो सितंबर 2020 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बनाया गया था, जब एक हफ़्ते पहले उनके खेत पर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। क्रॉस वास्तविक कब्रों को चिह्नित नहीं करते थे। लेकिन दक्षिण अफ़्रीका सरकार के विरोधियों ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वे उन किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें वर्षों से मारा गया है।

श्वेत किसानों का जिक्र करते हुए ट्रंप ने फिर कहा, “हमारे पास ऐसे कई लोग हैं जिन्हें लगता है कि उन्हें सताया जा रहा है, और वे संयुक्त राज्य अमेरिका आ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “लोग अपनी सुरक्षा के लिए दक्षिण अफ्रीका से भाग रहे हैं। उनकी ज़मीन जब्त की जा रही है और कई केस ऐसे भी हैं जब उन्हें मार दिया गया है,”ट्रंप के बगल में कुर्सी पर बैठे और संयमित रहते हुए रामफोसा ने उनके दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा, “अगर अफ़्रीकनेर किसानों का नरसंहार हुआ होता, तो मैं शर्त लगा सकता हूँ कि ये तीनों सज्जन यहाँ नहीं होते,” रामफोसा ने गोल्फ़र एर्नी एल्स और रीटिफ़ गूसेन और अरबपति जोहान रूपर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा, जो सभी श्वेत थे और जो कमरे में मौजूद थे। इससे ट्रम्प संतुष्ट नहीं हुए।

1994 में रंगभेद खत्म होने के बाद दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के रिश्तों में लगातार दुराव होता गया है। अभी दोनों देशों के रिश्ते काफी निचले स्तर पर हैं।

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