
बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हमले और तेज हो गए हैं। शुक्रवार (13 जून) को चरमपंथियों ने 24 घंटे में 6 हिंदू मंदिरों को लूट लिया। यह घटना बांग्लादेश के गोपालगंज जिले के कोटालीपारा इलाके में हुई। एनटीवी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में एक हिंदू महिला के हवाले से बताया गया, “कल (12 जून) को दुआरीपारा में एक मंदिर को लूट लिया गया। आज हमारे 4 मंदिरों को लूट लिया गया। पूजा करने के लिए रखे गए सभी सामान को लूट लिया गया।”
हिन्दू महिला के मुताबिक, “अगर ऐसा होता रहा, तो हम हर बार चोरी की गई पूजा सामग्री को वापस नहीं कर पाएंगे। पीतल और कांसे से बने पूजा के बर्तन खरीदने में काफी पैसे लगते हैं। हमारे पास हर बार इन्हें खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं,”
महिला ने कहा, “हमारे कीमती सामान की लूट को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। मैं सरकार से दिल से अनुरोध कर रही हूँ। हिंदू समुदाय अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “अब हम कैसे जीवित रहेंगे? हम सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। अपराधियों को पकड़ना सरकार का काम है। हम असहाय हैं और हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते।”
एक बुजुर्ग महिला ने लूट के बारे में बताया, “जब मैं शुक्रवार (13 जून) को सुबह-सुबह पूजा करने के लिए मंदिर आई, तो मैंने पाया कि भगवान की बालियाँ गायब थीं।” उन्होंने देखा तो गोपाल, राधा कृष्ण, मनसा माता की मूर्तियों को सोने के आभूषण से सजाया गया था, जो कहीं नहीं मिले।
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके मंदिर में ज्यादातर मूर्तियाँ पीतल की बनी हुई हैं, जबकि राधा कृष्ण की मूर्ति चाँदी की बनी है। उन्होंने कहा, “मेरे सबसे छोटे बेटे ने मुझे यह मूर्ति उपहार में दी थी। मैं पिछले 3-4 सालों से रोजाना पूजा-अर्चना कर रही हूँ।”
एक अन्य हिंदू महिला ने बताया, “मंदिर से सारे आभूषण लूट लिए गए हैं। पहले वे घर में घुसे और फिर मंदिर में घुस गए, जो हमेशा खुला रहता है।” उन्होंने कहा, “हमें रात में पता ही नहीं चला कि क्या हुआ? हमें सुबह ही डकैती के बारे में पता चला।”
एक युवक ने बताया कि ₹40-50 हजार की कीमत की काँसे की थाली, घड़ा और पूजा का सामान लूट लिया गया। उसने दुख जताते हुए कहा, “हम सभी डरे हुए हैं।”
नेत्रोकोना में मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं के घरों को नष्ट कर दिया
बांग्लादेश के नेत्रोकोना जिले के पुरबाधला इलाके में हिन्दुओं को लूटने का सिलसिला जारी है। हरिदास समुदाय के कई हिंदू परिवार यहाँ बेघर हो गए हैं। यहाँ मुस्लिम भीड़ ने हाल ही में इनके घरों को नष्ट कर दिया और उनका सामान लूट लिया।
सोमॉय नेशनल की शुक्रवार (13 जून) को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, पिछले कई महीनों से इस इलाके में 50 साल से रह रहे हिंदू परिवारों को उजाड़ने की कोशिश की जा रही थी और पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा था। अब मुस्लिम चरमपंथियों ने इस क्षेत्र को ‘जनाब अली मरकजुन नूर अल इस्लामिया मदरसा’ की संपत्ति घोषित करते हुए साइनबोर्ड लगा दिए हैं।
जब हिंदू परिवारों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की, तो मुस्लिम चरमपंथी भीड़ के रूप में आए और हिन्दू घरों को टारगेट करते हुए हमला किया। इस हमले में कम से कम 5 घरों को जमींदोज कर दिया गया और नकदी के अलावा सोना-चांदी सहित सभी कीमती सामान लूट लिए गए।
बेघर हुए हिन्दू अब परिस्थितियों के हाथों मजबूर हैं और अब बिना छत के खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं।
एक हिंदू व्यक्ति ने बताया, “हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। वे (मुस्लिम भीड़) रविवार (8 जून) को आए और हमारे 3 अन्य घरों को नष्ट कर दिया।” एक अन्य हिंदू महिला ने बताया कि कैसे चरमपंथियों ने उसके और उसके पति के साथ मारपीट की।
एक हिंदू पीड़ित ने बताया, “वे यहां एक मदरसा खोलना चाहते हैं।” पीड़ित हिंदू परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। स्थानीय प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।