
गोंडा । मेडिकल कॉलेज के सामने संचालित एक अवैध क्लीनिक में इलाज के दौरान शनिवार देर रात महिला की मौत हो गई। परिजनों ने क्लीनिक में शव रखकर करीब दो घंटे तक हंगामा काटा। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक मेडिकल स्टोर के भीतर क्लीनिक का संचालन करते हैं। उनके कहने पर ही महिला को भर्ती कर अप्रशिक्षित कर्मचारी ने इंजेक्शन लगाया। इसके थोड़ी देर बाद ही महिला की मौत हो गई। मलारी के मोताजोत निवासी शुभम ने बताया कि उनके भाई अनीस की पत्नी रोली (25) को तीन-चार दिन से बुखार आ रहा था। मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर को दिखाकर दवा ली थी। आराम न मिलने पर शनिवार को रोली मेडिकल कॉलेज के उसी डॉक्टर के पास गईं। आरोप है कि डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल के सामने हमारा मेडिकल स्टोर है, वहीं से जाकर दवा ले लो। मेडिकल स्टोर पहुंचने पर संचालक ने डॉक्टर से बात करके ग्लूकोज चढ़ाने को कहा। मेडिकल स्टोर के पीछे क्लीनिक में रोली को भर्ती कर ग्लूकोज चढ़ाया गया। उसी में इंजेक्शन लगा दिए गए। इंजेक्शन लगाने के थोड़ी देर बाद रोली की मौत हो गई। इससे परिजन आक्रोशित हो गए। बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही, लेकिन परिजन शव उठाने नहीं दे रहे थे। करीब दो घंटे तक हंगामा चला। सड़क की एक पट्टी जाम कर दी गई। नगर कोतवाली के निरीक्षक अपराध सभाजीत सिंह ने बताया कि महिला की मौत के बाद हंगामा करने वाले लोगों को समझाकर शव कब्जे में लिया गया था। मगर परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। शिकायत के आधार पर जांच कर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
सीएमओ कार्यालय के पास अवैध क्लीनिक के संचालन पर उठ रहे सवाल
सीएमओ कार्यालय से मात्र 200 मीटर दूरी पर सरकारी डॉक्टर की ओर से बिना पंजीकरण कराए क्लीनिक संचालित किया जा रहा था, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। महिला की मौत के बाद इस अवैध क्लीनिक का खुलासा हुआ। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मेडिकल काॅलेज के सामने मेडिकल स्टोर में महिला की मौत की सूचना मिली है। इस क्लीनिक का पंजीकरण नहीं है। अवैध क्लीनिक संचालन व सरकारी डॉक्टर की ओर से प्राइवेट प्रैक्टिस करने की जांच कराई जाएगी। पीड़ित परिवार की ओर से अभी तक शिकायत नहीं की गई है।
—डॉ. रश्मि वर्मा, सीएमओ