
नगर कबीर नगर में महान दार्शनिक प्रख्यात शिक्षाविद एवं भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ०संतोष कुमार सिंह ने मां सरस्वती एवं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की चित्रों पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्वलित करते हुए किया तत्पश्चात छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्य महोदय ने कहा कि श्री राधाकृष्णन ने अपना अधिकांश जीवन भारतीय शिक्षा और भारतीय दर्शन को समृद्ध बनाने में समर्पित कर दिया श्री राधाकृष्णन के विचारों को याद करते हुए आगे प्राचार्य महोदय ने कहा कि शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ सके।राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ०रंगनाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल तथ्यों को जानना नहीं है बल्कि मूल्यों को समझते हुए जीवन जीने का कौशल भी सीखना है डॉ०विनीत कुमार गौड़ ने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन न केवल शिक्षा और दर्शन पर आधारित था बल्कि मानवता नैतिकता और आध्यात्मिक मूल्यों पर भी केंद्रित था जो लगातार मानव समाज को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करने के लिए प्रेरित करता है इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के समस्तप्राध्यापक गणएवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।