देवरिया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मेडिएशन एवं कंसीलियेशन प्रोजेक्ट कमेटी, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के तत्वावधान में 1 जुलाई 2025 से 30 सितम्बर 2025 तक “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” शीर्षक से 90-दिवसीय राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान संचालित किया गया। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया के मार्गदर्शन एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी के कुशल नेतृत्व में देवरिया जिले में इस अभियान के अंतर्गत उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई।
अभियान के दौरान मध्यस्थता हेतु कुल 974 वाद प्राप्त हुए, जिनमें से 111 वादों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया। इनमें 30 वर्ष पुराना 1 वाद, 25 वर्ष पुराने 9 वाद, 20 वर्ष पुराने 10 वाद, तथा सन् 2006 से अब तक के 91 वाद शामिल रहे। इन वादों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, आपराधिक समझौता योग्य प्रकरण, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण एवं अन्य दीवानी मामले सम्मिलित थे।
सचिव मनोज कुमार तिवारी द्वारा व्यक्तिगत रूप से 38 वादों का निस्तारण किया गया, जबकि अन्य मध्यस्थों द्वारा 73 वादों का समाधान कराया गया। इन मामलों में बड़ी संख्या में ऐसे प्रकरण थे, जो लंबे समय से न्यायालयों में लंबित थे।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज तिवारी ने बताया कि इस 90-दिवसीय राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान का उद्देश्य न्यायालयों में लंबित वादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना तथा जन-जन तक मध्यस्थता की अवधारणा को पहुँचाना था। उन्होंने कहा कि यह परिणाम इस बात को प्रमाणित करते हैं कि मध्यस्थता अब एक प्रभावी एवं विश्वसनीय न्याय वितरण तंत्र के रूप में स्थापित हो रही है, जो न केवल न्यायालयों का बोझ कम करती है बल्कि संवाद, सहयोग और सामाजिक सद्भाव को भी प्रोत्साहित करती है। अभियान की सफलता में सक्रिय योगदान देने वाले मध्यस्थगण, अधिवक्तागण एवं वादकारी पक्षों को सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।







