कुशीनगर।
लोक आस्था और विश्वास के महापर्व छठ ने जिले में मजहबी दीवारों को तोड़ दिया है। आस्था और श्रद्धा का यह पर्व अब केवल हिंदू समुदाय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मुस्लिम महिलाएं भी पूरी श्रद्धा के साथ छठ व्रत रख रही हैं।
जिले के सेंदुरिया बुजुर्ग, मोगलपुरा, जवार भैंसहा और चन्द्रौटा गांवों में वर्षों से कई मुस्लिम महिलाएं छठ का व्रत करती आ रही हैं। वे अन्य श्रद्धालु महिलाओं की तरह व्रत के नियमों का पालन करती हैं और डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करती हैं।सेंदुरिया बुजुर्ग की 42 वर्षीय स्वेता खातून ने इस वर्ष पहली बार छठ व्रत किया। उन्होंने बताया कि उनकी चार बेटियां हैं और गांव की एक हिंदू महिला ने उन्हें पुत्र प्राप्ति के लिए छठ व्रत करने की सलाह दी थी। उन्होंने बीते वर्ष छठ मईया से मन्नत मांगी थी, और मन्नत पूरी होने पर इस बार व्रत रख रही हैं।
गांव की अन्य मुस्लिम महिलाएं भी परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु की कामना के साथ छठ मईया की आराधना कर रही हैं।
इस तरह छठ महापर्व ने न केवल आस्था का अद्भुत संगम दिखाया है, बल्कि समाज में सौहार्द और एकता की मिसाल भी कायम की है।







