रिपोर्टर बने

उच्च जातियों के विकास के लिए बिहार की NDA सरकार ने बनाया सवर्ण आयोग, BJP नेता महाचंद्र सिंह को बनाया अध्यक्ष: शैलेंद्र कुमार होंगे ST आयोग के अध्यक्ष

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा कदम उठाते हुए सवर्ण जातियों के लिए गठित आयोग के पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। इस आयोग का अध्यक्ष बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी महाचंद्र प्रसाद सिंह को बनाया गया है। वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

आयोग में तीन अन्य सदस्यों – दरभंगा के दयानंद राय, पटना के जयकृष्ण झा और भागलपुर के राजकुमार सिंह को भी शामिल किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार (30 मई 2025) को इसकी अधिसूचना जारी की। पहली बार इस आयोग का गठन साल 2011 में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार ने ही किया था।

इसके साथ ही नीतीश सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) आयोग के लिए भी नियुक्तियाँ की हैं। पश्चिम चंपारण के शैलेंद्र कुमार को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि सुरेंद्र उराँव को उपाध्यक्ष और प्रेमशीला गुप्ता, तल्लु बासकी, राजकुमार को सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सभी नियुक्तियों की वैधता तीन साल तक रहेगी।

एक दिन पहले ही सरकार ने जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी को बिहार अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। बलियावी हाल ही में केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के लिए चर्चा में थे। ये सभी नियुक्तियाँ इस बात का संकेत हैं कि नीतीश सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जातिगत समीकरण साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। बिहार में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और सरकार विभिन्न समुदायों को साधने के लिए आयोगों के गठन और नियुक्तियों पर जोर दे रही है।

सवर्ण आयोग के गठन को राजनीतिक हलकों में अहम माना जा रहा है, क्योंकि बिहार में सवर्ण मतदाता एक बड़ा वोट बैंक हैं। नीतीश कुमार और उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी इस कदम से सवर्ण समुदाय को यह संदेश देना चाहती हैं कि उनकी चिंताओं और विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। दूसरी ओर अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक आयोगों की नियुक्तियाँ भी अन्य समुदायों को लुभाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही हैं।

बिहार की सियासत में जातिगत समीकरण हमेशा से अहम रहे हैं। नीतीश सरकार का यह कदम न केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक प्रयास माना जा रहा है। अब देखना यह है कि ये नियुक्तियाँ चुनावी मैदान में कितना असर दिखाती हैं।

  • Related Posts

    गोंडा , सड़क जाम कराने में फंसे सपा के जिला उपाध्यक्ष

    गोंडा। देहात कोतवाली क्षेत्र में बालपुर बाजार के पास सोमवार शाम चलती एबुलेंस से हृदयलाल का शव फेंककर गोंडा-लखनऊ नेशनल हाईवे जाम कराने व अराजकता फैलाने के आरोप में पुलिस…

    हार्ट अटैक से ग्राम प्रधान की मौत

    गोंडा। परसपुर ब्लॉक के खरथरी गांव की प्रधान ज्योति मिश्रा (30) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके ससुर व पूर्व प्रधान राजकुमार मिश्र ने बताया कि करीब तीन…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com